COVID-19 और  Nasya Therapy| Panchkerma का 4th कर्म| साभार-रजनी चौहान

Share this news

सिटी लाइव टुडे, रजनी चौहान

(Panchakarma Treatment पंचकर्मा के पांच कर्म की इस कड़ी अब तीसरे कर्म का जिक्र करने जा रहे हैं। पहले की खबरों में बता चुके हैं कि पंचकर्मा क्या होता है। उसके बाद की खबरों में पहला कर्म, वमन और दूसरा कर्म विरेचन का जिक्र भी हो चुका है। इस खबर में पंचकर्मा के 4th कर्म यानि नास्य नस्य कर्म के बारे में बताने की कोशिश की जा रही है। इसके लिये हमने संपर्क साधा पंचकर्मा की जानकार रजनी चौहान जी से। आइये जानते हैं कि क्या है नास्या नस्य कर्म। (Panchakarma Treatment

अच्छा, कोविड काल covid 19 तो सबने देखा है और झेाला। कोविड काल में नस्य naasya therapy नस्य नास्या कर्म का खूब उपयोग हुआ है इसका लाभ देखने को मिला है। रजनी चोहान बताती हैं कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में नास्य थेरेपी एक महत्वपूर्ण उपाय है, जो गला, नाक और मस्तिष्क संबंधी विकारों को दूर करने में इस्तेमाल की जाती है।

रजनी चौहान ने आगे बताया कि नास्य का मतलब यहां नाक की नली से है। इस उपचार में आयुर्वेदिक औषधि को नाक के माध्यम से शरीर में पहुंचाने का काम किया जाता है। यह थैरेपी विशेष रूप से कान, नाक और गले के विकारों पर मददगार है। यह गर्दन के ऊपर के भागों में रोगों के लिए विशेष रूप से काम आता है। (Panchakarma Treatment

ad12

(Panchakarma Treatment पंचकर्मा की जानकार रजनी चौहान ने बताया कि नासा ही शिरसो द्वारं” यह बात आयुर्वेद में स्पष्ट कही गई है। कहने का मतलब यह है कि हमारी नाक ही हमारे मस्तिष्क का रास्ता है। इसलिए मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों का भी इलाज नाक के जरिए आयुर्वेदिक औषधि डालकर किया जा सकता है। (Panchakarma Treatment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *