Garhwal News…पलायन की मार| इस गांव में भी कोई नहीं रहता। कमल उनियाल की Report

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सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल, गढ़वाल

जब से उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया तब से अब तक करीब 15 से 20 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। करीबन तीन लाख घरो में ताला लग गया है और करीब 1200 सौ गाँवो की आबादी शून्य हो गयी है लोग रोजगार, शिक्षा, जंगली जानवरों के आतंक से अनवरत पलायन कर रहे हैं।


ऐंसा ही पौड़ी जिला के विकास खंड द्वारीखाल के ग्राम पंचायत बखरोडीगाँव भी मानव विहीन हो
गया है आखरी परिवार ने भी एक महीने पहले पलायन कर लिया जिस कारण गांव पूरी तरह खाली हो गया। प्रसिद्ध सिद्धपीठ भैरवगढी के तलहटी में बसा यह रमणीक गाँव में एक दशक पूर्व में 30 से 40परिवार निवास करते थे खेती बाडी, सांस्कृतिक धरोहर को समाये इस गांव की अलग ही पहचान थी। चौतफा रमणीक पहाडियो घिरा यह गाँव अब वीरान नजर आता है।

सामाजिक कार्यकर्ता कमल सिंह रावत ने बताया इस गांव में सड़क, शिक्षा की समुचित व्यवस्था के न होने के कारण लोगो ने पलायन कर दिया उन्होने बताया कि कभी यह गाँव खेती, पशुपालन, के लिए जाना जाता था अब खाली और सूने पडे मकान पलायन के दर्द को बयाँ कर रहा हैं। कुछ लोगो ने शहरो की और पलायन किया तो कुछ लोग भैरवगढी डांडा में अपना निवास स्थान बनाया है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना एक गंभीर बिषय है जनविहीन हो रहे गाँव से पलायन आयोग भी चिन्तन कर रहा है पलायन को रोकने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास किया

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पर परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा सरकार पलायन रोकने के लिए पशुपालन, मत्सय पालन, कुक्कुट पालन, कृषि के लिए बेरोजगारो के लिए धन मुहैया करा रही है जिसमें बिना ब्याज का ऋण स्वरोजगार के लिए दे रही है पर पलायन नहीं रूक रहा है जो कि एक चिंता का विषय है।

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