जयहरीखाल| यहां मिल रहा बुढ़ापे को ” लाठी का सहारा ” | साभार-कमल उनियाल

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


यह बात ठीक है कि कई ऐसे भी हैं जिन्हें बुढ़ापे में लाठी का सहारा नहीं मिल पाता है। कईयों के अपने होते ही नहीं है तो कईयों के अपने होते बुढ़ापे लाचार हो जाता है। लेकिन, ऐसे कई बिरले हैं जो इन लाचार बुढ़ापे के लिये मजबूूत लाठी का सहारा बन रहे हैं। पौड़ी जनपद के जयहरीखाल स्थित राधा देवी आशियाना वृद्धाश्रम बुढ़ापे को सहारा भी दे रहा है और आधार भी बन रहा है। यहां वृद्धों को अपनापन भी मिल रहा है।

उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले के जयहरीखाल में स्थित राधा देवी आशियाना वृद्धाश्रम की नींव समाजसेवी ज्योति रौतेला ने रखी। यह वृद्धाश्रम ऐसा है जहां के दरवाजे बेसहारा अपनों से ठुकराये लोगो के लिए हमेशा खुला रहते हैं। यहां सहारा ही नहीं स्नेह आत्मसम्मान भी मिलता हैं उनका आशियाना बनाने का सपन मानव सेवा करना था उन्होंने समाज में अपने से ठुकराये वृद्धों के बारे में चिंतन, मनन, अनुभूतियो एवम संवेदनाओ का दर्द महसूस किया। इस वृद्धाश्रम में किसी को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाता है।

यहां वर्तमान में 42 बृद्ध जन है जिसमें 30 पुरूष और 12 वृद्ध महिला हैं जिनके लिए खाने, रहने, स्वास्थ्य सुविधायें आदि की व्यवस्थापक निशुल्क की गयी है। इस कार्य हेतु 10 कुशल कर्मचारी रखे हुये है। इसके अलावा अक्षम वृद्ध महिलाओं के नहाने व कपड़े धोने आदि के लिये महिला सेवादार भी हैं। मनोरंजन के लिए टीवी कैरम बोर्ड, रेडियो, लूडो आदि की भी सुविधा दी गयी है। यहां बेहतर स्वस्थाय के लिए योगा भी कराया जाता है।

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इस मानव सेवा में हंस फाउंडेशन की माता मंगला, भोले महाराज जी भी सेवा कार्य में सराहनीय योगदान देते हैं। संस्थापक ज्योति रौतेला, प्रबंधक विमल गुसाँई इस महान पुण्य कार्य में समर्पित है तथा समाज के लिए प्ररेणा के सोत्र है। हम सभी को बेसाहारा लोगों की सेवा को आगे आना चाहिए।

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