Shrimad Bhagwat…भगवान के दरबार में नेता नगरी हुयी ” नतमस्तक “| टेका माथा लिया आशीष| जगमोहन डांगी की Report

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सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी


कहते हैं कि धर्म सत्ता के आगे राज सत्ता नतमस्तक होती है। ऐसा एक बार फिर हुआ हैं। पौड़ी के कल्जीखाल ब्लाक के चोपड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दरबार में राज सत्ता नतमस्तक हो रही है। प्राणि मात्र के कल्याण का संदेश आत्मसात करने को नेतानगरी भी लालायित दिख रही है। यहां सजे भागवत कथा के दरबार में राजनीति के दिग्गज माथा टेकने पहुंच रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से लेकर अन्य राजनेता कथा का श्रवण भी कर रहे हैं और मन ही मन अपनी राजनीति के शिखर पहुंचने की कामना भी कर रहे हैं। इस कथा का आयोजन द्वारीखाल ब्लाक प्रमुख महेंद्र राणा ने किया है।


कल्जीखाल के चोपड़ा मंे चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेद्र भट्ट ने भी माथा टेका। कथा व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगांई कथा का श्रवण करा रहे हैं और श्रीमद भागव कथा का सार भक्तों तक पहुंचा रहे हैं। कथा व्यास कहते हैं कि प्रभु मेरे अंतरात्मा के ध्वनि अवश्य सुन रहे हैं अतः वे शीघ्रता पूर्वक आ रहे होंगे।


मित्रों! हमें ये सुनने को मिलता है कि परमात्मा नहीं मिलते क्योंकि हमने बहुत प्रयास कर देख लिया है। लेकिन वे ये नहीं बता सकते कि उन्हें परमात्मा पर कितना विश्वास है । यह बात विकास खण्ड कल्जीखाल के चोपड़ा में प्रमुख द्वारीखाल महेन्द्र सिंह राणा जी ब्लॉक प्रमुख कल्जीखाल बीना राणा उनके परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत की कथा के दूसरे दिन प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य शिवप्रसाद ममगांई बंगाली जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए कही उन्होंने कहा कि माता पिता को प्रत्यक्ष देवता बताते हुए आचार्य ममगाईं जी ने कहा कि जो मां बाप की अवहेलना कर, उनका अपमान करके भी भक्ति का ढोंग रचते हैं वे पाखंडी हैं । श्रीराम की पूजा का भक्ति का अधिकारी वही है, जो माता पिता की आज्ञा का पालन करता है , उनकी सेवा के लिए सदैव तत्पर रहता है । भगवान श्री राम ने स्वयं माता पिता की आज्ञा मात्र से , न्याय अन्याय का विचार किए बिना राजपाट त्यागकर वन गमन किया था ।

अतः उनसे मातृ पितृ भक्ति , भाइयों के प्रति उत्कृष्ट प्रेम की प्रेरणा लेकर ही उनकी भक्ति की जा सकती है। उन्होंने भक्ति राज पुंडरीक की कथा सुनाते हुए कहा कि पुंडरीक माता-पिता की सेवा कर रहे थे , द्वारिकाधीश उन्हें दर्शन देने आ पहुंचे । पुंडरीक ने अन्दर से कहलवाया । प्रभु अभी मैं माता पिता की सेवा कर रहा हूं , आप प्रतीक्षा करें । उनकी सेवा समाप्त करने के बाद ही आपकी सेवा में आऊंगा । द्वारकाधीश ईंट पर खड़े होकर प्रतीक्षा करते रहे । यह था मातृ-पितृ सेवा का अनुपम उदाहरण। आज तो मुकदमे में भाई को पिता को हराने के लिए हनुमान जी का अनुष्ठान किया जाता है । ऐसे पाखंडियों को क्या हनुमान जी सहन कर सकते हैं।


वहीं अपने सम्बोधन में प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट जी ने कहा धर्म जोड़ता है इसलिए ऐसे धर्मिक आयोजना का होना इसलिए भी आवश्यक है कि नई पिढी को अपने संस्कृति और संस्कारों का ज्ञान और संस्कार जिसके जीवन में वह संगठीत रहते हुए वह बड़ों का आदर छोटों पर स्नेह करनें की भावना जागृत होगी और हर बुराई से बचकर देश राष्ट्र सेवा में अग्रणी भूमिका निभायेगे वहीं दलीप रावत जी जी धार्मिक प्रदेश में धार्मिक कार्य क्रम होना आवश्यक है जिससे सनातनी धर्म की रक्षा तो होगी साथ ही गौ गंगा की भी रक्षा होगी वहीं श्री जोत सिंह विष्ट जी नें भी सम्बोधन मे गंगा गौरी रक्षा के लिए सबको आगे आने की आवश्यकता पर जोर दिया
आज विशेस रूपसे प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट, विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी, विधायक लैसडौन दलीप सिंह रावत विधायक राजकुमार पोरी, भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीमती सुषमा रावत एकेश्वर ब्लॉक प्रमुख नीरज पांथरी. मातवर सिंह रावत अध्यक्ष राजकीय सहकारी संघ उत्तराखंड विजय रौथान पूर्व जिला पंचायत सदस्य विभिन्न राजनैतिक दलों के संगठन के जुड़े पाधिकारी राजनैतिक,सामाजिक सरोकारों से संबद्ध रखने वाले लोग भारी संख्या में मौजूद थे।

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यजमान की ओर से महेंद्र सिंह राणा ( ब्लॉक प्रमुख द्वारीखाल,प्रमुख संगठन अध्यक्ष उत्तराखंड) श्रीमती बीना राणा (ब्लॉक प्रमुख कल्जीखाल) मुकेश राणा,श्रीमती सरिता राणा श्री प्रेम प्रकाश कुकरेती आचार्य सुदर्शन जुयाल,प्रधान संगठन अध्यक्ष द्वारीखाल अर्जुन सिंह रावत, अशोक रावत,दिगंबर सिंह रावत,राकेश असवाल,नवीन जुयाल अभिशेषक नेगी आदि का सहयोग रहा।

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