श्रुति लखेडा @ उन्नत कृषि का Formula|ICAR ने माना कि कुछ खास है कोई बात है|click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


उत्तराखंड की आर्थिकी कैसे सुधरेगी। उन्नत खेती की अवधारणा फाइलों से बाहर कैसे निकलेगी। भले ही इसका सटीक जवाब सरकर के पास नहीं हो लेकिन इसका फार्मूला श्रुति लखेडा त्यागी ने इजाद किया है। अपने व्यापक व सघन रिसर्च के जरिये श्रुति ने उन्नत खेती के जरिये ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने का जो बात कही है वह बहुत दूर तक पहुंची है। श्रुति के इस रिसर्च को इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर ने बेहद गंभीरता से लिया है। श्रुति को काउंसिल ने कलकत्ता आने का न्योता भी भेजा है जिसको श्रुति ने स्वीकार भी किया है। यह पहली बार हो रहा है जब उत्तराखंड से उन्नत खेती के फार्मूले को राष्ट्रीय स्तर समझा गया है।

हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र की बुलंद आवाज श्रुति लखेड़ा जन-समस्याओं को लेकर मुखर होती रही है। इस क्षेत्र में गरीब व पिछडे लोगों को समाज व विकास की मुख्य धारा में शामिल करने को श्रुति लखेड़ा प्रयासरत है। विकास की खातिर ही उन्होंने जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ा था। यह बात और है कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।


लेकिन श्रुति लखेड़ा विकास को गंभीर है। उच्च शिक्षित होने के चलते श्रुति रैबार समिति के जरिये विकास व जागरूकता की अलख जगा रही है। अब श्रुति लखेड़ा ने उत्तराखंड की कृषि को उन्नत बनाने के लिये रिसर्च किया है। इस रिसर्च में उत्तराखंड में रेशे उत्पादन व कृषि का व्यापक जिक्र किया गया है। उन्नत कृषि के लिये टैक्नोलॉजी का प्रयोग व वैज्ञानिक तौर-तरीकों को अपनाने पर फोकस किया गया है। अन्य कई सुझाव व फार्मूले भी सुझाव गये हैं। इस रिसर्च को इंडियन काउंसिल ऑफ एग्री कल्चर ने बेहद ही गंभीरता से लिया है।

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कांउसिल की ओर से श्रुति को न्यौता भेजा गया है जिसे श्रुति ने स्वीकार किया है। अब श्रुति जल्द ही कलकत्ता पहुंचकर रिसर्च के तमाम बिंदुओं को बारीकी से काउंसिल के सामने रखेंगी।

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