रक्षाबन्धन कब 11 या फिर 12 को | भ्रम दूर करेगी यह रिपोर्ट | प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली

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सिटी लाइव टुडे, प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली

इस बार रक्षा वन्धन के त्योहार को लेकर,पूरे हिन्दू समाज के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है। यह संशय क्यों है और किस दिन (11 या 22 तारीख़) रक्षा बन्धन मनाना शुभ व शास्त्र सम्मत होगा। जानने के लिए पढ़े इस रिपोर्ट को  बिंदुबार।       

   

                           

    न.1. 11 अगस्त 2022 को पूर्णिमा तिथि का उदय प्रातः 10.38मिनट पर हो रहा है। जिसका पुण्य काल 12 अगस्त 2022 प्रातः 07 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।                                           

  02. रक्षा बन्धन का त्यौहार पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित समय पर मनाया जाता है। अर्थात  रक्षाबंधन के  दिन  जितने समय तक भद्रा रहती है। वह समय वर्जित माना जाता है।जबकि 11 अगस्त को भद्रा पूरे दिन व्याप्त है।  

     03. 12 तारीख़ को पूर्णिमा प्रातः 07बजकर 06 मिनट तक है। जो कि शास्त्र नियमानुसार त्रिमुहूर्त से कम है।  अर्थात 11 अगस्त  पूरे दिन भद्रा है। और12 अगस्त को रक्षाबंधन के लिहाज़ से उदयव्यापिनी पूर्णिमा तिथि  त्रिमुहूर्त से कम है।

      इस स्थिति में  रक्षाबंधन का पर्व कब और किस समय मनाना होगा। जो शास्त्र सम्मत भी हो,और शुभ भी हो?     शास्त्रों के अनुसार भद्रा रक्षाबंदन के पर्व में सर्वथा वर्जित है। अतः 11 अगस्त को सायं 08बजकर 53 मिनट से लेकर 1 घंटे के अंतराल में यह पर्व मानना चाहिए। लेक़िन बहुत सारे प्रदेशों में रात्रि काल में रक्षाबंधन पर्व मनाने की परम्परा नही है। तो क्या वे लोग 12 अगस्त को रक्षाबंधन मना सकते हैं। इसका उत्तर हाँ में और शास्त्रीय प्रमाण के साथ है। यद्यपि रक्षाबंधन के लिए अगले दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यापिनी होनी चाहिए।लेक़िन शास्त्र इस बात की इजाज़त भी देते हैं कि,उदयव्यापिनी तिथि का पर्वकाल पूरे दिन रहता है। (उदयव्यापिनी अर्थात सूर्य उदय के समय जो तिथि रहती है) इस नियमानुसार 12 अगस्त को पूरे दिन रक्षा बंदन का पर्व मनाया जा सकता है।             

   कुछ विद्वान यह भी मानते हैं, कि पाताल लोक की भद्रा अशुभकारी नही होती है। उनके अनुसार 11 तारीख़ भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है। लेक़िन यदि आप विवाद रहित समय पर रक्षाबंधन मनाना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको 11 तारीख़ सायं  08बजकर 53 के बाद का समय निर्धारित करना चाहिए और नही तो 12 तारीख़ किसी भी समय यह पर्व मना सकते हैं।

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12 तारीख को पूर्णिमा का पर्व उदयव्यापिनी सिद्धान्तानुसार  पूरे दिन रहेगा। अतः आपको बिना किसी संशय के यह पर्व 12 को ही मनाना चाहिए। और यदि आपकी परम्परा रात्रि में भी रक्षाबंधन मनाने की रही है, तो 11 तारीख़ सायं 08.53 बजे के बाद भी मना सकते है। क्योंकि यह पवित्र पर्व भाई-बहिन के रिश्तों की पावन डोर को मज़बूती देता है, इसमें कोई भी किंतु परन्तु नही रहना चाहिए। इसलिये हम 11 अगस्त का सुझाव आप लोगों को नही देंगे। और हमारा मत शास्त्र के साथ है। जय श्रीकृष्णा। रक्षाबंधन की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

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