टिहरी| 100 मीटर परिधि में धारा-144 लागू| आखिर क्यों| भगवान सिंह रावत की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, भगवान सिंह रावत, टिहरी गढ़वाल
पूर्वमध्यमा द्वितीय वर्ष एवं उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षाओ को लेकर उप जिला मजिस्ट्रेट नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल देवेंद्र सिंह नेगी ने परीक्षा केंद्र श्री दर्शन महाविद्यालय मुनि की रेती टिहरी गढ़वाल के 100 मीटर परिधि के अंतर्गत धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए।
प्रदेश में संचालित विद्यालयों की पूर्वमध्यमा द्वितीय वर्ष एवं उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष 2022 (कक्षा 10 एवं 12) की परिषदीय परीक्षाएं 27 अप्रैल, 2022 से 05 मई, 2022 तक आयोजित की जा रही है। परीक्षाओं का समय पूर्वान्ह 10.00 बजे से अपरान्ह 01:00 बजे तक होगा एवं परीक्षार्थी परीक्षा आरम्भ होने से आधा घंटा पूर्व परीक्षा हाल में उपस्थित होंगे।
जिला मजिस्ट्रेट टिहरी गढ़वाल इवा आशीष श्रीवास्तव के आदेशों के क्रम में उप जिला मजिस्ट्रेट नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल देवेंद्र सिंह नेगी ने परीक्षा केन्द्र में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने, परीक्षा तिथि को परीक्षा केंद्र के आस पास लाउडस्पीकर के प्रयोग को प्रतिबन्धित करने तथा 200 मीटर की परिधि में दंड प्रक्रिया सहिंता की धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा लागू करने के आदेश दिये गए हैं।
उन्होंने कहा कि निषेध प्रतिबंधो के तहत परीक्षा अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, चाकू, भाला आदि किसी भी प्रकार का धारदार हथियार अथवा आग्नेयास्त्र लेकर परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में प्रवेश नही कर सकेगा। परीक्षा डयूटी पर शांति व्यवस्था हेतु तैनात सुरक्षाकर्मी, विकलांग परीक्षार्थी एवं परीक्षा ड्यूटी में लगे शिथिलांग व्यक्ति जिन्हें चलने हेतु डंडे की आवश्यकता होती है इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। परीक्षा अवधि के दौरान परीक्षा केन्द्र आस पास पांच या पांच से अधिक व्यक्ति जुलूस के रूप में ना तो एक साथ आ जा सकेंगे ना कोई सभा अथवा सार्वजनिक बैठक और ना ही नारे आदि लगा सकेंगे। नकल विहीन शान्तिपूर्ण परीक्षा सम्पन कराने के हित में बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के वर्णित क्षेत्र अंतर्गत किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रसारक यंत्र के प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा।
कोई भी व्यक्ति परीक्षा केंद्र के अंदर ऐसी कोई सामग्री अपने पास लेकर प्रवेश नहीं कर सकेगा अथवा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा जिससे निष्पक्ष एवं नकल विहीन परीक्षा की भावना पर किसी भी प्रकार की का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।