UKD… ढलता सूरज धीरे-धीरे| प्रत्याशी तक के पड़े लाले| जयमल चंद्रा| द्वारीखाल

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


अपने उत्तराखंड में उक्रांद की स्थिति ढलता सूरज धीरे-धीरे ही हो गयी है। राज्य निर्माण आंदोलन की चिंगारी को हवा देने वाला यह क्षेत्रीय दल अब हाशिये पर ही पहुंच गया है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बार चुनाव में उक्रांद को प्रत्याशियों तक के लाले पड़ गये। आलम यह है कि इस बार उक्रांद ने 70 सीटों में से 51 पर ही प्रत्याशी उतारे हैं।

राज्य गठन के साथ ही उम्मीद जगी थी कि राज्य में क्षेत्रीय दल की अहम भूमिका होगी। उक्रांद मजबूत क्षेत्रीय दल के रूप में उभरेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। साल-2002 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2007 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद ने तीन सीटें जीती। साल-2012 के विधानसभा चुनाव में उक्रांद को केवल एक ही सीट पर जीत मिली। इसके बाद 2017 में उक्रांद खाता तक नहीं खोल पायी।

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अब आलम यह है कि प्रत्याशियांे तक के लाले पड गये हैं। सीधी बात कहेें तो उक्रांद हाशिये पर पहुंच गया है। उक्रांद के अंदर अंदरूनी कलह और कमजोर नेतृत्व क्षमता की खलती रही है। अब देखते यह है कि 2022 के चुनाव में उक्रांद क्या गुल खिलाती है। उम्मीद तो वैसी है जैस आप समझ रहे हैं।

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