बात कालौंडांडा की,,,, अनुकृति, राजनीति और महंत की चुनौती| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, लैंसडोन


महंत के सियासी मठ को भेदने चुनावी रण में उतरी कालौंडांडा की बेटी अनुकृति ने पूरी ताकत झोंक दी है। एंटी-इनकमबेंसी को मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही कालौंडांडा की बेटी कितनी सफल होती है यह तो चुनाव परिणाम भी तय करेंगे लेकिन जनता के बीच जाकर महंत के सियासी मठ को भेदने की पूरी तैयारी है। दूसरे शब्दों मेें कहें तो लैंसडोन सीट पर हरक सिंह की साख भी दांव पर लगी है।

कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित करने से पहले लैंसडोन सीट को लेकर भाजपा कंफर्ट जोन मंे मानी जा रही थी लेकिन डा हरक सिंह के कांग्रेस में शामिल होने व लैंसडोन सीट ने अनुकृति के मैदान में उतरने के बाद समीकरण बदल गये हैं। यह सीट भाजपा के लिये कंफर्ट जोन नहीं बल्कि चुनौतीपूर्ण हो गयी है। इसके पीछे बहुत कारण हैं। पहला तो यह कि लैंसडोन क्षेत्र मंे हरक सिंह अच्छी पकड़ व पहुंच भी हैं। दूसरा यह कि हरक सिंह सियासत के सारे दांव-पेंच के माहिर भी माने जाते हैं। यहां तक कहा जाने लगा है कि हरक को कहीं भी चुनाव लड़ा लो, जीत ही मिलेगी।

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पिछले कुछ समय को इतिहास भी ऐसा ही रहा है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी महंत दिलीप रावत की टेंशन बढ़ना स्वाभाविक ही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि लैंसडोन में प्रत्याशी अनुकृति हो लेकिन दांव पर साख हरक सिंह की ही लगी है। पर्दे के पीछे से सारे सियासी वार व प्रयोग हरक सिंह ही करेंगे। अनुकृति के प्रचार अभियान के तहत जनसंपर्क किया गया है। खबर यह भी है कि महंत भी जनसंपर्क मंे जुटे हुये हैं। चर्चा यह भी है कि भाजपा जनसम्पर्क के दौरान युवा ने उठाये वर्तमान विधायक के कार्यकाल पर सवाल। 10 साल तक क्षेत्र की उपेक्षा और तिरस्कार का इल्ज़ाम लगाते हुए पूछा अभी तक कहाँ सोये थे विधायक महोदय चुनाव के समय कुम्भकरणी निद्रा से जागकर 10 साल बाद आएं हैँ।

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