सतपुली के गुरूजी ” नेगी दा ” के जैसे कोई करे तो फिर बात दूर तक जायेगी| कमल उनियाल की Report

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सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल, द्वारीखाल


शिक्षक का समाज बनाने में सबसे बड़ा योगदान रहता है। कुछ इसे महज रोजी रोटी समझ कर अपना सेवाकाल पूरा कर लेते हैै। परंतु कुछ शिक्षक ऐसे भी है जिन्होंने अपना जीवन वेतन विद्यालय को अपना घर तथा बच्चों को अपना परिवार मान कर अपना सबकुछ समर्पित कर दिया। ऐसे ही शिक्षाविद है ग्राम सतपुली मल्ली जनपद पौडी गढवाल में कार्यरत शिक्षक विपिन नेगी। जिनके प्रयास से यह स्कूल माडल स्कूलों को भी मात दे रहा है। समय है कि विपिन नेगी के संघर्षाें की अग्नि परीक्षा लेता रहा। उनके इकलौता पुत्र की केंसर से मौत हो जाने के बाद भी वह टूटे नही, अब वो विद्यालय में पढने वाले विद्यार्थीयो को ही अपना परिवार मान कर उनके भविष्य संवार रहे हैं।


कुछ साल पहले सरकारी स्कूल की बदहाली शैक्षणिक व्यवस्था के चलते यह स्कूल बंद होने के कगार पर था। 2016 को इनकी तैनाती के बाद इस विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ जहाँ लोग अपने बच्चों को पढाने शहर जा रहे थे अब वही लोग शहरो से प्राइवेट स्कूलो से निकाल कर इस स्कूल में दाखिला दिला रहे हैं। विपिन नेगी ने शिक्षा की ऐसी अलख जगायी जिसकी मिसाल दूर दूर तक जाने लगी है।


शिक्षा के लिए पहचान बन गया इस स्कूल के विद्यार्थी हर साल राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, हिम ज्योति देहरादून के लिए चयनित हो रहे है। विपिन नेगी के साथ शिक्षिका माधुरी कंडवाल का सहयोग भी बराबर बना रहता है। प्री प्रायमरी से लेकर पाँचवी तक शिक्षा हिंदी और इंगलीश मीडियम तक दी जारी है। यही नही विपिन नेगी अपने घर में जरुरतमंद बच्चो को अपने घर में तीन घंटे पढाते है। विद्यालय में स्मार्ट क्लास की भी व्यवस्था करी है शिक्षकांे की कमी के चलते अपने ही खर्चे से अतिरिक्त शिक्षक रखकर वे शिक्षा की अलख जगा रहे है।

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ग्रामीण पत्रकार कमल उनियाल सामाजिक कार्यकर्ता देबूभाई ने शिक्षक विपिन नेगी की इस पहल की प्रसंशा की और विपिन नेगी उन लोगों के लिए एक मिसाल जो एक लाइट का बल्ब बदलने के लिए भी सरकारी बजट का इंतजार करते हैं।

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