दिल्ली के कमला बक्शी होम सोसाइटी में बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार l जानिए पूरी खबर
CITY LIVE TODAY. MEDIA HOUSE
हमारे देश में बुजुर्गो के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं। हालांकि इसे रोकने के लिए कई कानून बने हैं, लेकिन वह बेमतलब साबित हो रहे हैं। बुजुर्गों से दुर्व्यवहार मामलों में पुलिस केस दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ले रही है। ऐसे में, अपनों अपने बच्चो के सताए हुए बुजुर्ग माता-पिता को अपने जीवन यापन का एक अंतिम मार्ग दिखता है केवल वृद्धाश्रम। जिसे बेसहारा बुजुर्ग अपने जीवन यापन का सहारा मानते हैं। मगर वृद्धाश्रम में ही बुजुर्गों से अनुचित व्यहार और मारपीट जैसे कृत्य होते होने लगे तो बुजुर्ग जाएंगे कहा ।

ऐसे ही कई मामले दिल्ली में रोहिणी स्थित #कमला #बक्शीवृद्ध #आश्रम Kamla Bakshi elders home society में बुजुर्गों के साथ मारपीट , तथा महिला कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ के सामने आयें है जो अब तक न्याय से महरूम है I
यहाँ के उप प्रबंधक उपेंद्र गिरी ने यहाँ रहने वाले निवासी जिनका नाम बबलु है उन पर हाथ उठाया और तो और महिला कर्मचारियों के साथ भी बडा अभद्र व्यवहार और गलत हरकत करता है जिसकी शिकायत महिला कर्मचारी और दूसरे कर्मचारियों ने यहां की प्रेसिडेंट से की लेकिन कर्मचारियों को ही नौकरी से निकाल दिया गया अभी कुछ दिन पहले एक attendant ने भी बुजुर्ग जिनका नाम चंद्रप्रकाश है उनको प्रबंधकों के सामने काफी बुरे तरीके से लात घूसों से मारा और मामले को प्रेसिडेंट के कहने पर वही की वही दबा दिया गया
इस संबंध में सोसाइटी में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि सोसाइटी की प्रेसिडेंट ने कोरोना काल में जो अच्छे कर्मचारी थे उनको निकाल दिया यह हवाला देकर कि इनका काम अच्छा नहीं है या उनको तनख्वाह देने के लिए धन नहीं हैं जबकि यह गलत है क्योंकि यह सोसाइटी गवर्नमेंट डीडीए द्वारा दी गई जमीन पर बनाई गई है और जितनी भी बुजुर्ग यहां पर रहते हैं वह अपना मासिक किराया तथा सिक्योरिटी देकर रहते हैं , बिजली का बिल भी इन्हे ही देना होता है इसके अलावा संस्था को काफी चंदा भी मिलता है परंतु संस्था की अध्यक्ष ने इस संस्था को एक प्राइवेट कंपनी की तरह बना रखा है
कर्मचारियों से बात करने पर पता चला कि इस संबंध में पिछले कई महीनों में दिल्ली व केंद्र सरकार के हर डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज कराई गई पर इस अंधी और बहरी सरकार के कर्मचारियों और चुने हुए जन प्रतिनिधियों की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं हुई परंतु हमारी है सरकार अपना प्रचार ऐसे करती है जैसे सरकार दिन रात के 24 घंटों नागरिकों की भलाई में लगी रहती हैं परंतु सच्चाई इससे उलट हमारे जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी सब आंख और कान से अंधे बहरे हैं जो सामने होती हुई दुर्घटनाओं के प्रति अपनी संवेदनाएं भी नहीं रखते मेरा सभी दिल्ली वालों वह देशवासियों से अनुरोध है क्या आप किसी संस्था को दान देकर पुण्य प्राप्त कर लेते हैं या उस संस्था में जाकर भी देखते हैं कि जो वह संस्था जो कहती है वह करती है या नहीं | हमारा ऐसी संस्थाओ को दान देने वाले सभी डोनर्स से अनुरोध है कृपया आप आगे आएं और ऐसी संस्थाओ के अंदर हो रही अनियमिताओं के खिलाफ एकजुट हो और अपना सामाजिक दायित्व निभाए|