वाह| उत्तराखंड की बिच्छू चाय की गुजरात में “चुसकी”| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


अच्छी खबर है। उत्तराखंड में बिच्छू चाय यानि कंडाली से निर्मित चाय की चुसकी गुजरात में भी ली जा रही है और गुजरात में यह बिच्छू चाय खूब पसंद भी आ रही है। हाल में ही इस खास चाय को लेकर गुजरात में खूब वाहवाह हुयी। इस खास चाय के निर्माता है डा सुनील दत्त कोठारी।
दरअसल, जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक की संस्था कोठारी पर्वतीय विकास समिति जोकि स्थानीय जड़ी बूटी के द्वारा हर्बल चाय का निर्माण कार्य वर्ष 2016 से लगातार, परंपरागत वैद्य सुनील दत्त कोठारी हर्बल टी विशेषज्ञ के दिशा निर्देश एवं अनुसंधानआत्मक दिशा निर्देश एवं परंपरागत वैद्य स्थानीय मुख्य रूप से पाई जाने वाली बिच्छू बूटी या कंडाली नेटल को लोकप्रियता एवं गति दिलाने के लिए टी कॉफी एसोसिएशन मुंबई ने कोठारी कार्य को गति देने के लिए “वल्र्ड टी कॉफी मीट 2021“गांधीनगर गुजरात तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिभाग किया|

उत्तराखंडी औषधि को आधार देने के लिए मंच एवं व्याख्याताओं चर्चा में सहभागिता ली, इस कार्यक्रम के द्वारा सुनील के कार्य को विश्व स्तर की मुहिम से जुड़ कर उत्तराखंड को सक्षम होने में सहायक रहा, साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय मंच द्वारा बिच्छू बूटी की चाय जो की आयुर्वेदिक औषधि से युक्त है कि उत्तम मिश्रण को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ख्याति एवं प्रसिद्धि मिली, जो अपने आप में अनूठा कार्य है। सुनील परंपरागत रूप से वैद्य विद्या से स्थानीय उत्तराखंड प्रदेश में जाने जाते हैं साथी साथ हर्बल ट्री विशेषज्ञ की भूमिका के द्वारा स्थानीय वनस्पति से 48 किस्म की विश्व स्तरीय हर्बल टी तथा वनस्पति का आधार लेकर रोग निदान का कार्य करते हैं।

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आप की मुहिम में परंपरागत ज्ञान को कई प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा संपादित करने के द्वारा स्थानीय स्वयं सहायता समूह के लिए नए रोजगार के द्वार भी खुलता है, जो कि संपूर्ण कार्य आजीविका मिशन के तहत किया जाता है, आपका उद्देश्य उत्तराखंड पलायन मुक्त रोजगारयुक्त हो।।

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