Uttarakhand News…AI के दौर में मानवता बनाए रखना जरूरी|Click कर जानिये किसने कही ये बात

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस

देहरादून। राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस पर पब्लिक रिलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया देहरादून चैप्टर की ओर से ‘रिसपॉन्सिबल यूज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसः रोल ऑफ पब्लिक रिलेशन’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने कहा कि एआई के दौर में भी मनुष्यता को बनाए रखना जरूरी है।

सोमवार को कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक सूचना एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति सीईओ विजय थपलियाल, अध्यक्ष पीआरएसआई देहरादून चैप्टर रवि विजारनियां ने संयुक्त रूप से किया। डीजी बंशीधर तिवारी ने कहा कि आज के तकनीकी दौर में हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझें। एआई तकनीक का वर्तमान समय में जिस प्रकार से तेजी से विकास हो रहा है, उसमें हम सभी की जिम्मेदारी बन जाती है कि हम मनुष्यता की भावना को सर्वोपरि रखें।

उन्होंने कहा कि एआई तकनीक के उपयोग से समय की बचत होती है, उस समय का उपयोग हम किस प्रकार से करते हैं, यह भी हम सभी को समझना होगा। कहा कि सोशल मीडिया के साथ-साथ परिवार एवं समाज से भी जुड़े रहें। किसी भी प्रकार की सूचना को आगे बढ़ाने या भेजने से पहले हमें एक बार विचार अवश्य करना होगा कि सूचना सही है या गलत। कोई भी गलत सूचना एक बार प्रसारित हो जाती है, तो उसका प्रभाव व्यक्ति एवं समाज दोनों पर पड़ता है।

उन्होंने कहा कि ए.आई से कंटेट बनाया जा सकता है, लेकिन उसमें स्वयं के विचारों और अनुभवों का समावेश भी जरूरी है। एआई का जिम्मेदारी के साथ उपयोग, हम सभी का कर्तव्य है और इस बारे में अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है।

विशेष अतिथि संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने कहा कि जब भी नई तकनीक आती है, तो उसकी अपनी चुनौतियां होती है, साथ ही नये अवसर और नई संभावनाएं भी बनती हैं। आज जब सभी जगह एआई की होड सी लगी है, तब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई का किस सीमा तक उपयोग किया जाए।

उन्होंने कहा कि हमें यह भी सोचना होगा कि हम पूरी तरह से एआई पर ही निर्भर न हो जाएं, हमें अपनी क्षमता को बनाये रखना है। जनसंपर्क के क्षेत्र में एआई केवल सहयोगी की भूमिका तक ही सीमित रहे। एआई से होने वाले लाभ एवं दुष्परिणाम के संबंध में जन जागरूकता करने की आवश्यकता है।

वरिष्ठ पत्रकार अनुपम त्रिवेदी ने कहा कि हम सभी को समझना होगा कि विज्ञान सुविधा देता है, तो समस्याएं भी देता है। आज एआई का तेजी से विकास हो रहा है। एआई के गलत उपयोग के कारण आज फेक न्यूज हम सभी के सामने बड़ी चुनौती है। इसके लिए जागरूकता आवश्यक है। जनसंपर्क क्षेत्र में व्यक्तिगत संबंध ही महत्वूपर्ण है, इसमें एआई उतना उपयोगी सिद्ध नहीं हो सकता है।

बीकेटीसी के सीईओ विजय थपलियाल ने कहा कि इस दौर में हम एआई से सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इमोशन नहीं। इमोशन केवल मनुष्य के पास ही है। हमें एआई तकनीक को वरदान या चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा।

कार्यशाला में तकनीकी विषय विशेषज्ञ के रूप में आकाश शर्मा ने ‘जनसंपर्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जिम्मेदार उपयोग’ विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया। कहा कि एआई हमारा स्थान नहीं ले रहा है, बल्कि हमारे कार्य को अधिक प्रभावशाली बना रहा है। जनसंपर्क से जुड़े लोगों का काम है और एआई सिर्फ उसे तेज और सटीक बनाने में हमारी मदद करता है। इस दौरान उन्होंने एआई के विभिन्न टूल्स की जानकारी दी।

कार्यशाला में पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रवि विजारनिया ने सभी का स्वागत किया। विजारनिया ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा द्वारा किया गया।

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इस अवसर पर पीआरएसआई देहरादून चैप्टर के सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र भट्ट, सदस्य सुधाकर भट्ट, वैभव गोयल, राकेश डोभाल, अजय डबराल, दीपक शर्मा, प्रशांत रावत, ज्योति नेगी, शिवांगी, मनमोहन भट्ट, संजय सिंह, प्रताप सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।

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