Pauri….जयंती पर ” उत्तराखंड के गांधी ” को याद किया और खायी ” सौं ” कि………साभार-चंद्र प्रकाश

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-पौड़ी गढ़वाल-साभार-चंद्र प्रकाश

उत्तराखंड के गांधी इंद्रमणी बडोनी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में स्वर्गीय बडोनी के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने स्वर्गीय बड़ोनी के जीवन से जुड़े कई प्रेरक प्रसंगों को साझा भी किया। उत्तराखंड के गांधी की जयंती लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनायी गयी। इस अवसर पर लोक संस्कृति की ऐसी छटा बिखरी कि दिल बाग-बाग हो गया।

अपने पौड़ी गढ़वाल के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज चाकीसैंण में आयोजित कार्यक्रम ऐसा ही हुआ। इस समारोह में मुख्य अतिथि डॉक्टर शिवचरण नौडियाल (असिस्टेंट प्रोफेसर योग विज्ञान),प्रधानाचार्य श्री रघुवीर सिंह रावत,पीटीए अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह नेगी,एसएमसी अध्यक्षा श्रीमती सुनीता देवी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत् शुरुआत की गई।इंद्रमणी बडोनी को पुष्प अर्पित कर उन्हें याद करते हुए मुख्य अतिथि द्वारा उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया।

इसमें सेवित ग्राम सभाओं से महिला मंगलदलों द्वारा भी प्रस्तुतियां दी गईं।जिनमे ग्राम सभा ग्वीनथगांव,मारखोला, जाक एवम बंजकोट द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गईं | मुख्य अतिथि हिमालयन योग विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शिवचरण नौडियाल थे

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शुरुआत मां सरस्वती की वंदना करते हुए उत्तराखंड राज्य गीत के साथ अतिथि स्वागत किया गया।अतिथियों को बैज अलंकरण करते हुए समस्त अध्यापकों द्वारा आगंतुकों का स्वागत किया गया,तत्पश्चात लोक संकृति पर आधारित थड़िया,चैंफला,बगड़वाल नृत्य,जागर आदि कार्यक्रमों ने समस्त आगंतुकों का मन मोह लिया।सेवित ग्राम सभाओं से पधारी हुई महिला मंगलदल टीमों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां देकर समा बांध दिया।गढ़भोज कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय परंपरागत व्यंजनों के स्टॉल विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए जिनका अद्वितीय स्वाद और महक ने मुख्य अतिथि ने भूरि भूरि प्रशंसा की।कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण मां नंदा राजजात कार्यक्रम रहा। नौटी से प्रारंभ होकर राजजात विभिन्न पड़ाओं को पार करती हुई अपने अंतिम पड़ाव होमकुंड पहुंची। जहां से सभी ने भारी मन से नंदा विदा किया।कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य जी द्वारा समापन की घोषणा की गई।इस अवसर पर मंच संचालन सतीश कंडारी एवम चंद्र प्रकाश भेटवाल द्वारा किया गया।

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