Panchakarma के पांच प्रकार| Detoxification का सबसे मजबूत तरीका| प्रस्तुति- रजनी चौहान

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सिटी लाइव टुडे, प्रस्तुति- डा रजनी चौहान


आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में पंचकर्मा Panchakarma  का खास महत्व है। चरक संहिता में भी इसका उल्लेख मिलता है। charak sahinta चरक संहिता सूत्र 30/26 में कहा गया है- स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं। अर्थात आयुर्वेद AYURVEDA शास्त्र का उद्देश्य एक स्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ रखना और किसी व्यक्ति में होने वाली बीमारियों (मन, शरीर या दोनों) को ठीक करना है। सिटी लाइव टुडे मीडिया city livetoday. media house की इस खबर में पंचकर्मा के बारे में भी बता रहे हैं। पंचकर्मा की परामर्शक रजनी चौहान ने पंचकर्मा के बाबत उपयोगी जानकारी साझा की है। पेश है यह खास रिपोर्ट।

Detoxification or detoxication is the physiological or medicinal removal of toxic substances from a living organism, including the human body, which is mainly carried out by the liver. Additionally, it can refer to the period of drug withdrawal during which an organism returns to homeostasis after long-term use of an addictive substance. In medicine, detoxification can be achieved by decontamination of poison ingestion and the use of antidotes as well as techniques such as dialysis and chelation therapy.


Panchakarma  पंचकर्मा परामर्शक रजनी चौहान बताती हैं कि आयुर्वेद चिकित्सा की सबसे पुरानी पद्धतियों में से एक पंचकर्म है। डा रजनी आगे बताती हैं कि दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा पंचकर्म पद्धति का उपयोग किया जाता है। वैसे सीधेतौर पर कहें तो यह भी माना जा सकता है कि पंचकर्म के जरिये शरीर का शुद्धिकरण करना है। Panchakarma  पंचकर्मा करने के पांच प्रकार हैं। यूं कहें कि पंचकर्म एक डिटॉक्स Detoxification प्रक्रिया है।

रजनी चौहान बताती हैं कि पंचकर्म चिकित्सा (Panchakarma tharapy ) के द्वारा शरीर को डिटॉक्सीफाई Detoxification (शुद्धिकरण) करके प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का सबसे अच्छा माध्यम है। पंचकर्म के द्वारा शरीर के साथ-साथ मन का भी उपचार किया जाता है। हर इंसान को एक वर्ष में एक या दो बार पंचकर्म जरूर करवाना चाहिए। पंचकर्म करवाने से शरीर के विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं जिससे बीमारी होने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती है। यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो वह बहुत ही जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

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पंचकर्मा पद्धति के पांच प्रमुख प्रकार
वमन
विरेचन
नस्‍यम्
बस्ती
रक्तमोक्षण

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