Dehradun News…दून में महिला सरैंयां बैंड चौंदकोटियों की धूम| 15 लोगों को ‘ चौंदकोट श्री ‘ सम्मान| जगमोहन डांगी की Report

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सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, देहरादून

देहरादून के रिंग रोड स्थित एक गार्डन। आसमान से रिमझिम बारिश केे बीच गार्डन के समारोह स्थल में पहाड़ी ढोल-दमाऊं और मशकबीन की धुन पर पहाड़ की बेटियां हमारे पहाड़ का परम्परागत नृत्य ‘सरैंया‘ कर रही थीं। यह नृत्य शौर्य का प्रतीक है। इसमें योद्धाओं के युद्ध कला का प्रदर्शन होता है। अब तक यह परम्परागत नृत्य पुरुष ही करते थे, लेकिन पहली बार पौड़ी के चौंदकोट क्षेत्र के पोखड़ा ब्लाक की चार स्कूली बालिकाओं ने इस सरैंया बैंड की शुरुआत की। ढोल मनीषा बजाती है तो दमाऊं मीना। सरैंया नृत्य सानिया बिष्ट और प्रतिभा गुसाईं करती हैं। इस महिला बैंड को शुरू करने का श्रेय रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल बने सुधीर सुंदरियाल ने किया। उन्होंने इन बालिकाओं को इस नृत्य के लिए तैयार किया और आज पहाड़ की बेटियां उत्तराखंड की संस्कृति की ध्वजारोहक बन गयी हैं। इन बेटियों के लिए सभागार देर तक करतल ध्वनि से गूंजता रहा।

15 लोगों को चौंदकोट श्री सम्मान

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चौंदकोट क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे 15 लोगों को चौंटकोट श्री सम्मान दिया। इनमें भीमल शैंपू बनाने वाले अजय बिष्ट, रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल सुधीर सुंदरियाल, पोखड़ा के पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र रावत सूरी, स्वरोजगार के लिए महिलाओ की प्रेणस्रोत पूनम कैंतुरा, जयप्रकाश नवानी, हिटो पहाड़ के संजय बुड़ाकोटी, डा. नरेंद्र रावत,पूनम चौहान, आरती नेगी, फुटबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे वीरेंद्र रावत आदि शामिल थे। मंच संचालन प्रख्यात समाजसेवी और इस सोसाइटी के आधार स्तंभ तीरथ सिंह राही ने किया। कार्यक्रम आयोजन में चौंदकोट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष उम्मेद सिंह गुसाईं, तीरथ सिंह राही, डा. जयंत नवानी, पीसी थपलियाल, सुभाष रावत, जयदीप रावत, नरेंद्र रावत, कर्नल एचएस बर्थवाल, कवींद्र इस्टवाल आदि प्रमुख लोगों का सक्रिय योगदान रहा।

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