प्यासे को पानी पिलाना ही सबसे बड़ा धर्म| शांतरशाह में ऐसा ही हुआ| साभार-विश्वास सक्सेना

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सिटी लाइव टुडे, साभार-विश्वास सक्सेना


निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर एस के सैनी आस्था हेल्प फाउंडेशन द्वारा मीठे जल की छबील का आयोजन शांतरशाह रुड़की रोड पर किया गया जिसमे संस्था के संस्थापक अमित कुमार सैनी एवम संस्था सदस्यों द्वारा यह आयोजन किया गया जिसमे मुख्य मार्ग पर राहगीरों को रोक रोक कर मीठे जल पिलाया गया

एस के सैनी आस्था हेल्प फाउंडेशन के संस्थापक अमित सैनी ने बताया कि निर्जला एकादशी पर प्यासे को पानी पिलाना ही सबसे बड़ा धर्म है निर्जला एकादशी का महत्व है कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी निर्जला एकादशी पर किया गया व्रत, अनुष्ठान बेहद फलदायी है। इस दिन किए गए पूजन व दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाने वाली सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन होती है। अगर आप साल की 24 एकादशी का व्रत नहीं पाते तो इस एक व्रत को करने मात्र से ही आप सारा पुण्य कमा सकते हैं। सभी एकादशियों पर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं व उपवास रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने, पूजा और दान करने से व्रती जीवन में सुख-समृद्धि का भोग करते हुए अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है। इस दिन शीतल पेय पिलाने का विशेष महत्व होता है।

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इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष सुदेश सैनी, पंकज पंत, प्रसन्न त्यागी, अजय पांचाल, निर्देश सैनी, रविंद्र प्रधान, अथर्व सैनी, पंडित शुभम, मनु, आदी इत्यादि ने अपनी सेवाएं प्रदान की

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