अनुपम कोठारी… योग का ऐसा लगा रोग और बन गये ” योगाचार्य “| Click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
एक युवा को योग का रोग ऐसा लगा कि योगाचार्य बन बैठा। योग को स्वयं सीखा और पीएचडी तक कर डाली। अब बस तमन्ना समाज को निरोगी बनाने की है। मंशा है कि हर व्यक्ति को योग से जोड़े और हर तरफ योग का डंका बजे। जिक्र हो रहा है पहाड़ के युवा अनुपम कोठारी का। बचपन मेें शर्मीले स्वभाव लेकिन पढ़ाकू प्रवृत्ति का यह युवा एक दिन योग की दुनिया में चमकता हुआ सितारा बनेगा इसी किसी ने कल्पना नहीं की थी, लेकिन आज अनुपम कोठारी बड़े मंचों व कार्यक्रमों में योग की बात करते हैं और जीवन ही योग के लिये समर्पित कर दिया है।
जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक के डुबर्या बांज ( सीाला ) गांव निवासी अनुपम कोठारी इन दिनों ऋषिकेश की धरा पर योगा का गुणगान कर रहे हैं। अनुपम की प्रारंभिक शिक्षा कल्जीखाल ब्लाक के चामी गांव से हुयी। इसके बाद दसवीं तक रमाडांग स्कूल से शिक्षा ली। रमाडांग चामी के बस कुछ ही दूरी पर है।
गढ़वाल विवि से बीएससी करने के बाद पीजी योग में की। उत्तराखंड संस्कृत विवि से योग में पीजी करने के बाद पीएचडी भी कर डाली।
लंबे समय से योग शिक्षक व चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे अनुपम कोठारी कई संस्थानों से भी जुड़े हुये हैं। ऋषिकेश योग धाम संस्थान से भी उनका गहरा नाता है। योग को जन-जन तक पहुंचाने व सिखाने के लिये ब्रिज फाउंडेशन एनजीओ से भी जुड़े हैं। खास बात यह है कि योग को जन-जन तक पहुंचाने में योगाचार्य अनुपम का कार्य धरातल पर दिखता है। अनुपम कहते हैं कि योग से सबकुछ संभव है। बस करके तो देखो। तो चलिये आप और हम भी शुरू करते हैं योग। आज और अभी भी।