Holi Hai….अबीर गुलाल के संग, चढ़ा होली का गाढ़ा रंग| कमल उनियाल की Report
सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल, द्वारीखाल
होली एक पर्व ही नही है बल्कि हमारी संस्कृति की पहचान है। पर्वतीय अंचलो होलिका दहन के बाद गीत नृत्य के बाद अबीर और गुलाल लगाकर सभी गले मिलने लगे। पर्वतीय अंचलो मे मनायी जाने वाली होली अलग अंदाज मे मनायी जाती है।
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पौड़ी जनपद के विकास खंड द्वारीखाल के गाँव ग्वीन छोटा ग्वीन बडा महरगाँव द्वारीखाल मे छरोली मनायी गयी। सुबह से ही सभी महिला पुरष बच्चे होली के सतरंगी रंगो अबीर गुलाल की होली खेलकर गले मिले और होली की शुभकामनाएं दी। होली के पारंपरिक गीत गाये।
हम होली वाले देवे आशिश, गाँये बजाये देवे आशिश।
हर हर पीपल पात जय जय आदि भवानी, कख तेरो जन्म निवास जय जय आदि भवानी। होल्यार भरतलाल विनोद नेगी रोहित रावत अजय डोबरियाल संजू भाई ने कहा अपनो से मिलने खुशी उनके घर पर एहसास के रंग अपनो से होली मिलन सबको गले लगाना उल्लास की सीमा नही रहती जिससे खुशी की सतरंगी नदिया बहने लगती हैं।