डंगला तिमली @ एक ही नारा.. एक ही नाम| जय श्रीराम जय श्रीराम| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


पहाड़ श्रीराम लीला के रंग में रंगे हुये हैं। गौं-गुठ्यारों में जय-जय श्रीराम की दिव्य ध्वनि गुंजायमान हो रही है और मन-मंदिर में प्रज्ज्वलित हो रखी है भक्ति की अखंड ज्योति। पौड़ी जनपद के द्वारीखाल ब्लाक के डंगला-तिमली में भी श्रीराम लीला मंचन चल रहा है। यहां भी प्रवासी व रैबारियों का संगम हो रहा है।


द्वारीखाल ब्लाक के डंगला तिमली गांव में करीब 16 साल के बाद श्रीराम लीला हो रखी है। सो, प्रवासी भी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं और पहुंच भी रहे हैं। भव्यता और दिव्यता का अहसास कराती यह रामलीला कई मायनों में खास है। नये कलाकारों की प्रतिभा को निखरने का मौका भी मिल रहा है और प्रवासी व रैबासियों का मिलन भी हो रहा है।


द्वितीय चरण के मंचन के क्रम में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न का जन्म। वश्वामित्र द्वारा राम -लक्ष्मण को ऋषि -मुनियों की रक्षा के लिए बन ले जाना। अत्याचारी ताड़िका व सुभाहु जैसे राक्षसों का अंत। आदि लीला का सुन्दर व मार्मिक मंचन किया गया। सुन्दर व भव्य मंचन के बीच दर्शकों की संख्या भी काफ़ी रही। लक्ष्मण -सुभाहु सम्बाद ने वाहवाही लूटी। बड़े उत्साह व भक्तिमय के साथ आसपास के क्षेत्रों से आम जनमानस का सहयोग मिल रहा है।

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राम -अरुण डबराल
लक्ष्मण -संदीप रावत
दशरथ -राजेश डबराल
विश्वामित्र -नरेश डबराल
सुभाहु -मुकेश कुकरेती
मारीच -आशीष डबराल
बशिष्ठ -भल्लू
द्वारपाल -नत्थी प्रसाद

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