Solar eclipse @ 25 अक्टूबर को 27 साल बाद ऐसा सूर्य ग्रहण| प्रस्तुति-आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


आकाश गंगा में 25 अक्टूबर को ठीक वैसा ही हो रहा है जैसा ठीक 27 साल पहले हुआ था। 25 अक्टूबर को अमावस्या है। इस दिन बड़ी दीवाली होती है हालांकि इस बार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के चलते 24 अक्टूबर को ही छोटी व बड़ी दीवाली होगी। 25 अक्टूबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण काल 7 घंटे और 5 मिनट रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा।

ज्योतिष रत्न एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बृहद विश्लेषण करते हुए बताते हैं कि 27 वर्ष पूर्व वर्ष 1995 में ऐसी स्थिति बनी थी कि दीपावली के दिन सूर्य ग्रहण था, परंतु उस समय की ग्रह स्थिति और इस समय की ग्रह स्थिति में कुछ अंतर है साथ ही एक पखवाड़े के अंदर 8 नवंबर को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण देश और दुनिया के लिए चिंताजनक हो सकता है

आचार्य का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता वर्तमान में सहायक निदेशक शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार
निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में लगातार सटीक भविष्यवाणियां करने पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित किया वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ शिक्षा एवं ज्योतिष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर लोगों की समस्त समस्याओं का हल करने की वजह से वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

25 अक्टूबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण काल 7 घंटे और 5 मिनट रहेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में भी दृश्य होगा।

डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि तुला राशि पर घटित होने वाला यह सूर्य ग्रहण संपूर्ण भारत में दृष्टिगोचर होगा यद्यपि इस ग्रहण की समय अवधि 7 घंटा 5 मिनट रहेगी परंतु काशी सहित उत्तर भारत में यह सायं 4 बजकर 42 मिनट से 5 बजकर 22 मिनट तक दृष्टिगोचर होगा परंतु 12 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ होने से दीपावली पूजन के तत्काल बाद मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे जिन्हें सूर्य ग्रहण मोक्ष के ढाई घंटे बाद खोलने का ही शास्त्रीय विधान है

खगोल विज्ञान के मर्मज्ञ डॉक्टर चंडी प्रसाद बताते हैं कि तुला राशि में घटित होने की वजह से यह ग्रहण उस राशि के लोगों के लिए ठीक नहीं है उनको बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है अन्य राशियों पर ग्रहण का प्रभाव इस प्रकार रहेगा

मेष राशि इस राशि से सप्तम स्थान पर ग्रहण घटित होने की वजह से दुर्घटना और बीमारी का योग रहेगा इसलिए सभी लोग बहुत सावधानी से यात्रा करें

वृष राशि इस राशि के जातकों के लिए रोग और शत्रु स्थान में ग्रहण घटित हो रहा है इसलिए रोगों से सावधानी रखें कोई पुराना रोग उभर सकता है और शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं

मिथुन राशि इस राशि के जातकों के पंचम भाव में यह ग्रहण घटित होगा इसलिए आर्थिक निवेश फिलहाल ताल में हानि होने की संभावना रहेगी

कर्क राशि इस राशि के लोगों के लिए भी यह ग्रहण हानिकारक है ग्रहण काल में अपने इष्ट को देवताओं का स्मरण करने से कष्ट दूर होंगे

सिंह राशि इस राशि के पराक्रम भाव में ग्रहण घटित होने से पराक्रम में वृद्धि करेगा सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी

कन्या राशि अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी धन, पद ,प्रतिष्ठा का नुकसान होने की संभावना है

तुला राशि दुर्घटना का योग बीमारी का योग, धन के अपव्यय की पूरी संभावना इसलिए बहुत सावधानी पूर्वक रहे

वृश्चिक राशि राशि से धन स्थान में ग्रहण घटित होने से अचानक धन की प्राप्ति परंतु कंपटीशन में असफलता का योग बनेगा

धनु राशि इस राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण चिंताजनक रहेगा इसलिए दूर की यात्रा फिलहाल टाल दे

मकर राशि इस राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा नौकरी एवं पद, प्रतिष्ठा के मामले में बहुत सावधान रहें दुर्घटना का भी योग है

कुंभ राशि इस राशि से भाग्य भाव में ग्रहण घटित होने से अचानक भाग्योदय की संभावना रहेगी

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मीन राशि राशि से दशम स्थान में ग्रहण घटित होने से पिता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें धन ,पद ,प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी

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