बड़ी कार्रवाई| UKSSSC के पूर्व अघ्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक गिरफ्तार|click कर पढ़िये पूरी खबर

Share this news

CITYLIVE TODAY. MEDIA HOUSE

Uttarakhand Recruitment Scam: UKSSSC की 2016 में आयोजित वीपीडीओ भर्ती परीक्षा (VPDO Recruitment Exam) में गड़बड़ी के मामले में एसटीएफ (STF) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। आरोप में एसटीएफ ने UKSSSC के पूर्व चैयरमैन आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया है। धांधली में मामले में अब तक 40 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उसके मद्देनजर अब बड़े नाम भी सामने आने लगे हैं। आज एसटीएफ द्वारा तीन पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी इसकी तस्दीक कर रही है। माना जा रहा है कि अभी और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

बता दें कि इस प्रकरण में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) कई बार दोहरा चुके हैं कि वह राज्य के युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। नौकरियों में लगी दीमक को जड़ से मिटा देंगे। धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई को सराहा है। कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं।युवाओं का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार पारदर्शी भर्ती परीक्षाओं के सुनिश्चित कर रही है।

एसटीएफ ने साक्ष्यों के आधार पर आज यूकेएसएसएसी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह रावत, तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल (वर्तमान में संयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून) और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को गिरफ्तार किया गया है। जिन्हें न्यायालय में पेश किए जाने की प्रक्रिया जारी है।

ad12

भर्ती का विवरण
• उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई।
• उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी।
• उक्त परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था।
• 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।
• उक्त परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी।
• जांच समिति द्वारा प्रेषित आख्या के आधार पर सम्यक विचारोंप्रांत, एवं माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में उक्त परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया।
• वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई।
• वर्ष 2020 में सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून द्वारा खुली जांच में पुष्टि होने पर उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं की पुष्टि होने पर सतर्कता अधिष्ठान देहरादून में मुकदमा अपराध संख्या 01/20 धारा 420/468/467/120 बी आईपीसी व धारा 13 (1) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोग शासन की अनुमति उपरांत पंजीकृत कराया गया।
• अभियोग पंजीकृत होने के बाद वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी।
• वर्ष 2022 माह अगस्त में माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार उक्त प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई।
• एसटीएफ द्वारा विवेचना को आगे बढ़ाते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई।
• पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को एफएसएल भेजा गया था एवं एफएसएल से उक्त ओएमआर शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी।
• विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था।
• विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए।
• विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है।
• विवेचना के दौरान पूर्व में तीन अभियुक्त 1 मुकेश कुमार शर्मा 2 मुकेश कुमार 3 राजेश पाल को एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *