खैरालिंग कौथिग| आस्था की डगर पर ” जाम का झाम “| जगमोहन डांगी की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी
ऐतिहासिक खैरालिंग कौथिग में आस्था का समंदर उमड़ा रहा। दो दिनी इस कौथिग में सांस्कृतिक छटा के दर्शन भी हुये तो धर्म-अध्यात्म का रंग भी गाढ़ा रहा। कौथिग का साक्षी बनने को प्रवासियों व रैवासियों में खासी आतुरता दिखी। भक्ति भाव की इस आस्था की डगर पर जाम का झाम ने खासी दिक्कतें खड़ी कर दी। सीधे शब्दों में कहें तो कौथिग में यातायात व्यवसथा बनाने में प्रशासन पूरी तरह से फेल ही साबित हुआ है।
खास बात यह है कि यातायात को लेकर स्थानीय जागरूक लोगों को पहले ही अंदेशा था। यही वजह थी कि नागरिक ने पहले ही यातायात व्यवस्था को प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था लेकिन वाबजूद इसके लिये प्रशासन गंभीर नहीं दिखा। खैरालिंग कौथिग के दूसरे दिन का आलम यह रहा कि कल्जीखाल बाजार से भारी जाम लगा रहा। मेले में यातायात एवं शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार सुशीला कोठियाल अकेली मुस्तैद जरूर दिखी। तहसीलदार मेले स्थल से पहले कल्जीखाल ब्लॉक मुख्यालय के पास ओवर-लोडिंग वाहनों की चैंकिग में व्यस्त रही। लेकिन जाम के झाम से भक्तों को दो-चार होना पड़ा।
बताया जा रहा है कि सांसद प्रतिनिधि एवं व्यापारी कल्जीखाल संजय पटवाल को एडीएम को तक फोन करना पड़ा। उन्होंने बताया की समस्त व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम को जाम से निजात पाने के लिए पहले ही ज्ञापन दे दिया था।लेकिन प्रशासन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण कल्जीखाल से लेकर मुंडनेश्वर मंदिर तक दिन भर जाम की स्थिति बनी रही और मेला जाने वाले श्रद्धालुआंे को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि मुख्यातिथि क्षेत्रीय विधायक राजकुमार पोरी सहित कई जनप्रतिनिधियों को घंटो जाम में फंसा रहना पड़ा।
देखा जाये तो प्रशासन ने मेला आयोजन को हल्के में लिया। विधायक राजकुमार पोरी प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र राणा,प्रमुख कल्जीखाल प्रमुख पौड़ी दीपक खुगशाल को वापसी में भेटी; बौंसाल होकर जाना पड़ा। बरहाल, जाम के झाम को छोड़ दिया तो खैरालिंग कौथिग आस्था व असीम विश्वास के साथ संपन्न हो गया है।