UP20,21, 22, 12, 11, 25 …पर पैनी नज़र रखना जरूरी |अजय रावत अजेय, वरिष्ठ पत्रकार

Share this news

सिटी लाइव टुडे, अजय रावत अजेय, वरिष्ठ पत्रकार

हम पहाड़ से पलायन का रोना तो रोते रहेंगे, लेकिन इससे अहम और खतरनाक एक और सवाल इस पहाड़ के सामने है।
इन दिनों पहाड़ में फेरी के जरिये कपड़े, कुर्सियां, मसाले आदि का काम करने के साथ बड़ी संख्या में कबाड़ एकत्र करने वाले हर जगह नज़र आ रहे हैं।


ये कारोबारी मोटर बाइक्स के जरिये गांव गांव दहलीज़ दहलीज़ में दस्तक दे रहे हैं, अब तो ये लगने लगा है कि सरकार ने जो सड़कें गांव गांव तक बनाई हैं या तो वह पहाड़ियों के लिए सुगमता से पलायन करने में सहायक सिद्ध हुई या फिर ऐसे संदिग्ध फेरी वालों के लिए। गांव गांव में उत्तर प्रदेश के बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, मोरादाबाद, बरेली, मुज्जफरनगर, सहारनपुर व खतौली में पंजीकृत वाहन दौड़ते नज़र आ रहे हैं।

ad12

बेबाकी से लिख रहा हूँ कि अधिकांश कारोबारी एक समुदाय विशेष से ताल्लुक रखते हैं, वैसे भी अंदेशा इस बात का भी है कि कुछ संगठन विशेष उत्तराखंड के पहाड़ को एक सॉफ्ट टारगेट समझते हैं। कहीं ऐसा न हो कि जिस बात को हम आज सामान्य ले रहे हैं कल वो इस देव भूमि को “ज़मीन-ए-ज़ेहाद” में तब्दील न कर दे। यह भी एक तथ्य है कि इस ग्रीष्मकाल में जहां हमारे पहाड़ी भाई बंधु मैदानी शहरों में सड़ी हुई गर्मी झेल रहे हैं वहीं ये कारोबारी पहाड़ में कारोबार के साथ ठंडी हवाओं का आनंद भी ले रहे हैं।
ऐसे संदिग्ध लोगों को लेकर न केवल खुफिया एजेंसीज बल्कि आम जन को भी पैनी नज़र रखनी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *