पौड़ी| एन्टीइनकमबेंसी के जख्म से तो उभरी भाजपा लेकिन मतदाता खामोश|अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार
सिटी लाइव टुडे, अजय रावत, वरिष्ठ पत्रकार
मतदान को बामुश्किल 8 रोज बाकी हैं, पौड़ी में भाजपा व कांग्रेस के प्रचार अभियान का आलम यह है कि कार्यकर्ताओं की सक्रियता उसी वक़्त दिखाई दे रही है जब उनके क्षेत्र में प्रत्याशी का भ्रमण हो रहा है, बाकी दोनों तरफ खामोशी ही है। हालांकि इसे मौसम के कहर का नतीज़ा भी माना जा रहा है।
इधर, शुरुआती दौर में भाजपा के प्रति जो सत्ता विरोधी लहर की धारणा इस विधान सभा में बन गयी थी, उससे पार्टी काफ़ी हद तक उभरने में कामियाब हो गयी है। व्यक्ति के रूप में राजकुमार पोरी को जनता का अच्छा स्नेह मिलता नज़र आ रहा है, यह दीगर बात है कि यह स्नेह ईवीएम के बटन दबाने के दौरान भी कायम रहता है अथवा नहीं..? वहीं प्रचार अभियान में पार्टी के अन्य दावेदार रहे निवर्तमान विधायक व अन्य नेताओं की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, हालांकि इसके पीछे भी एक रणनीति बताई जा रही है।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी नवल किशोर जो शुरुआत में बीते 5 साल जनता से कटे होने के तंज़ झेल रहे थे, अब उन पर उठ रहे ऐसे सवालों की मार निःसंदेह दिन ब दिन कमजोर पड़ती जा रही है, वहीं विनोद धनोशी जैसे प्रबल दावेदारों द्वारा पार्टी के पक्ष में अपील जारी किए जाने से नवल के समक्ष आ रही अंतर्विरोध की मुश्किलें भी कम होती जा रही हैं।
लेकिन सबसे अहम तथ्य यह कि भले पहाड़ियों पर पसरी बर्फ अब पिघलने को हो, लेकिन मतदाताओं की खामोशी पिघलने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ ग्रामीण महिलाओं व नए वोटर्स में मोदी फैक्टर का अंडर करंट अभी भी मौजूद है इसके विपरीत कर्मचारियों का झुकाव परिवर्तन की तरफ नज़र आ रहा है। प्रचार अभियान के घनत्व के मानक पर यहां बीजेपी आगे है किंतु इस सीट पर जीत हार का अंतर इतना कम हो सकता है कि जीत का सेहरा किसी के भी सर पर सज सकता है।