गंगा की गोद में उमड़ा भक्ति व वेदांत के ज्ञान का सागर| पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे ब्यूरो,हरिद्वार

परम पूजनीय प्रातः स्मरणीय वेदांत वेत्ता श्री श्री श्री टाट वाले बाबा जी के 32 वे वार्षिक वेदांत सम्मेलन में आज प्रथम दिवस पर भक्ति एवं वेदांत की गंगा गुरु वंदना से बिरला घाट पर प्रवाहित हुई।

गरीब दासीय आश्रम के रवि देव शास्त्री ने गुरु की महिमा का विशद् वर्णन करते हुए कहा कि गुरु ही वास्तविक ज्ञान से आलोकित करते हैं. अज्ञान का पर्दा तो गुरु ही हटाते है . इस से अज्ञान दूर हो कर जीव प्रकाशमान हो जाता है. राम निवास के परमाध्यक्ष दिनेश दास शास्त्री ने भजन के माध्यम से गुरु की महिमा का बखान किया.


दुर्लभ सन्त श्री टाट वाले बाबा जी महाराज के संस्मरण प्रकट करते हुए स्वामी अखंडानंद जी महाराज, परमाध्यक्ष टाटेश्वर महादेव श्याम पुर कांगड़ी ने कहा कि यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि बाबा जी मे विरक्तता, त्याग कोटि-कोटि कूट कर भरा हुआ था।जिस प्रसिद्धि एवं नाम के लिए दुनिया सिर पटकती है।दर दर की ठोकरें खाती हैं, थोड़ा सा दान देकर तख्तियां लटकवाने के लिए तलबगार रहतीं हैं लेकिन टाट वाले बाबा ने कभी भी पैसे तक को छुआ तक भी नहीं। बाबा ने कभी भी अपना नाम, जाति,ग्राम,कुल का आदि का कभी बखान ही नहीं किया। बाबा का कहना था कि शरीर मिथ्या, उसका नाम मिथ्या,जाति मिथ्या है तो उस में प्रीति क्यों करें?


उनकी ज्ञान गंगा की सरिता में जो नहा लिया वह पूर्ण सरोबार हो गया। कृष्ण मयी माता ने बाबा जी को नतमस्तक होते हुए वेदांत के अर्थ को स्पष्ट किया। वेदों के पश्चात जब से संसार है तब से वेद है। सृष्टि अनादि है तो वेद भी अनादि है। गुरु ने जैसा मंत्र दिया वैसा ही जाप करना होता है। दूध का सार मक्खन होता हैं ठीक उसी प्रकार वेदों का सार वेदांत होता हैं। सभी को मक्खन निकालना नहीं आता है उसी प्रकार वेदों का मक्खन निकालने की कला महापुरुष को ही होती हैं। भक्त हरिहरानंद महाराज ने गुरु वंदना करते हुए कहा कि कि टाट वाले बाबा जी कहते थे कि अपने जीते जी अपनी मृत्यु का उत्सव अभी से मनाना शुरू कर दो यह अत्यन्त ही यथार्थ सत्य है। जन्म के साथ मृत्यु परम सत्य है।

इस अवसर पर टाट वाले बाबा जी के परम शिष्य विजयानंद जी महाराज ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर संजय कुमार बत्रा,विजय शर्मा,रमा वोहरा, भावना गौर ,कोशिलया सोनेजा ,भावना गौर ,एस एम जे एन पी जी कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ,राम चन्द्र गूलर वाला, सुरेन्द्र वोहरा,ओमी बाबा,उमा बर्मन,शारदा खिललन, सुषमा चंदवानी,मधु गौर, श्याम लाल,पवन कुमार, भरत पाल, तन्ना राम, ज्योति, लेखराज,आदि ने अनन्त श्री टाट वाले बाबा, स्वामी जगदीश मुनि, समाधि सेविका माता लक्ष्मी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित एवं संस्मरण प्रस्तुत किये।

टाट वाले बाबा की लिखी पुस्तक ‘असंभव कुछ नहीं सब संभव है’ वास्तव में सभी समस्याओं का हल इस पुस्तक में मिल जाता है यह एक अलौकिक ग्रंथ हैं।

मातृशक्ति की ओर गूलर वाला से आई महेश देवी , मधु गौड़ ,भावना गौड़, अशवनी गौर, लव गौर, सुनील सोनेजा, परशुराम,उमा गुलाटी, सुश्मलता बत्रा, आदि द्वारा भी श्रृद्धा सुमन एवं भजन के द्वारा अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।

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कार्यक्रम का सुगम संचालन सुनील कुमार बत्रा के द्वारा किया गया।

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