सिटिंग” घोड़ों पर दांव लगाना शायद भारी पड़ जायेगा भगवा ब्रिगेड को | वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत
CITY LIVETODAY. AJAY RAWAT
ज्यों-ज्यों 2022 की रेस के लिए रेसकोर्स सजने लगा है, भगवा ब्रिगेड के मौजूदा घोड़े कहीं बेलगाम हो रहे तो कहीं लत्या (लात लगाने वाले), वहीं हाई कमान भी दूसरे पाले के हष्ट पुष्ट घोड़ों पर डोरे डालने की जुगत भिड़ाने लगा है।
ज़ाहिर है हाई कमान को कुछ अहसास होने लगा है कि पिछले 57 घोड़ों में से अधिकांश 2022 की रेस में हांफने की नौबत तक पंहुच चुके हैं। यही कारण है कि कुछ “नामचीन घोड़े” अपना 2017 वाला ‘रेसिंग ट्रैक’ बदलने की जुगत भी भिड़ा रहे हैं, ऐसे नामचीन घोड़े पहाड़ी ट्रैक से मैदानी या मैदानी से पहाड़ी ट्रैक की तलाश में जुट गए हैं। वहीं ‘सामान्य घोड़ों’ के बारे में तो आम जन में भी एक धारणा पनपने लगी है कि अबके इनसे न हो पायेगा..
आम धारणा यह बनने लगी है कि यदि भगवा ब्रिगेड ने सिटिंग हॉर्सेज को बदला नहीं अथवा दुबारा 2017 वाले ‘रेसिंग ट्रैक’ पर ही दौड़ाया तो 2022 के रेस कोर्स में भगवा ब्रिगेड के स्टैंड में सन्नाटा पसर सकता है। शायद इसका भान भगवा हाई कमान को हो चला है इसीलिए घोड़ों की अदला बदली का मौसम आ गया है।