उच्च न्यायालय पर पूर्ण भरोसा | उच्च न्यायालय से ही मिलेगा न्याय | डॉक्टर निरंजन मिश्रा
CITYLIVE TODAY. MEDIA HOUSE
डॉक्टर निरंजन मिश्रा ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय पर पर पूर्ण भरोसा है और उन्हें उच्च न्यायालय से ही न्याय मिलेगा। उत्तराखंड सरकार में शासन, प्रशासन भी एक व्यक्ति के प्रभाव में आकर गैर कानूनी कार्य करने पर तुली हैं। ऐसे में उन्हें शासन प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं है।
बताते चले कि शिक्षक दिवस के मौके पर संस्कृत के प्रख्यात विद्वान, भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर निरंजन मिश्रा से पूर्वांचल उत्थान संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने उनके आवास पर जाकर भेंट वार्ता कर उन्हें हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय विवाद में प्राचार्य डॉक्टर निरंजन मिश्रा को जेल जाना पड़ा । उनकी जमानत पर रिहाई के उपरांत संस्था के सदस्यों ने उनसे भेंट वार्ता की एवं उनके विचारों को जाना। इस मौके पर डॉ निरंजन मिश्रा ने कहा कि उन्हें नियम विरुद्ध षड्यंत्र के तहत फसाया गया है। लेकिन वें अन्याय को सहन नहीं करेंगे कोर्ट में अपने को सही साबित करेंगे एवं दोषियों का चेहरा भी बेनकाब करेंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड में शासन प्रशासन एवं न्यायालय में भी एक व्यक्ति के रूपेन्द्र प्रकाश महाराज के प्रभाव में कार्य कर रहा है। लेकिन सच को छुपाया नहीं जा सकता वह सामने आकर ही रहेगा। डॉक्टर निरंजन मिश्रा ने कहा कि स्वामी रूपेंद्र प्रकाश गैर कानूनी तरीके से उन्हें गलत कार्य करने के लिए दबाव बना रहे थे। जिसका उन्होंने विरोध किया।
इसके लिए उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए जेल भिजवा दिया । मामला हाईकोर्ट में चल रहा है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि उन्हे हाईकोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। इस दौरान उन्होंने मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद और पूर्व स्नातक परिषद और संस्कृत विद्यालय के छात्रों का भी आभार जताया जिन्होंने आचार्य की रिहाई को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर पूर्वांचल उत्थान संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष सीए आशुतोष पांडे ने कहा कि डॉक्टर निरंजन मिश्रा समाज के प्रतिष्ठित लोगों में एक है उनके जैसे व्यक्तित्व को झूठे आरोपों में फंसाकर जेल भेजना निंदनीय कार्य है।
संस्था इसका विरोध करती है एवं भारत सरकार एवं राज्य सरकार से मांग करती है कि उनके खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे को वापस लेकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी करें। महासचिव सूर्य नारायण झा ने कहा कि डॉक्टर निरंजन मिश्रा संस्कृत के छात्रों के आदर्श हैं उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों का अध्ययन कर कई छात्र अपना भविष्य संवार रहे हैं। डा. मिश्रा के द्वारा लिखी गई पुस्तकों के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। शासन प्रशासन के लोगों को समझना होगा कि इतने उच्च पद पर बैठे व्यक्ति से गैर कानूनी कार्य कराना संभव ही नहीं है। कनखल इकाई उपाध्यक्ष भोगेंद्र झा, महासचिव विष्णु देव साह, आचार्य उधव मिश्र, कोषाध्यक्ष अवधेश झा, रामवतार सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।