संगीता ध्यानीः आफत में खोजा अवसर, खुद मिसाल बनीं और स्कूल की बढ़ायी शान, प्रकृति प्रेम का पाठ भी पढ़ाया
जनपद पौड़ी के नैनीडांडा के राइंका धुमाकोट की शिक्षिका हैं संगीता ध्यानी
लाॅक-डाउन में बच्चों को दीवार पेंटिंग और योगा सिखाया
किचन गार्डन व बागवानी कर सिखाया प्रकृति प्रेम का पाठ
इस सराहनीय कार्य में सोसल डिस्टेेंसिंग का रखा गया पूरा ध्यान
सिटी लाइव टुडे, धुमाकोट
कहते हैं कि हालात कितने भी खराब हों। हुनर हमेशा चमकता है और खुद ही रास्ते बनाता है। ये हुनर ही तो है कि कोविड-संक्रमण की आफत में अवसर खोजा और कर दिया कुछ ऐसा कि खुद भी मिसाल बनीं और विद्यालय की शान में चार चांद लगा दिये। लगे हाथ प्रकृति प्रेम का पाठ भी पढ़ाया गया। जिक्र हो रहा है शिक्षिका संगीता ध्यानी का। जनपद पौड़ी के नैनीडांडा के राइंका धुमाकोट में शिक्षिका हैं संगीता ध्यानी। इनकी सुपुत्री हैं पूर्वांशी। बेटी में भी कमाल का हुनर है।
यह तो थी भूमिका। अब सीधे खबर पर आते हैं। दरअसल, सृजनात्मक सोच की शिक्षिका संगीता ध्यानी ने लाॅक-डाउन में कुछ नया करने की सोची। सोचा तो रास्ता भी मिल गया। संगीता ध्यानी से लाॅक-डाउन की आफत को ही अवसर में तब्दील कर दिया। लाॅक-डाउन में स्कूल बंद हैं तो बच्चों की चिंता भी थी तो बच्चों के लिये कुछ नया करने पर फोकस किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग व सेनिटाइजर का प्रयोग करते हुए बच्चों को दीवार पेंटिंग सिखाई गई, साथ ही योग का भी नियमित अभ्यास करवाया गया। किचन गार्डन तथा विद्यालय में बागवानी में जो मेहनत की उसके फल स्वरूप किचन गार्डन में मूली, बीन्स, तथा कद्दू ,ककड़ी की बेल हरी भरी हो गयी हैं।
बागवानी में अतिथि शिक्षक श्रीमती आरती रावत द्वारा भी सहयोग किया गया। विद्यालय खुलने पर बच्चों को किचन गार्डन की ताजी सब्जियां खाने को मिल जायेंगी। विगत वर्ष लगाये गये फलदार पौधे भी बड़े हो गये हैं।
बेटी पूर्वांशी ने मां का सहयोग किया
इस कार्य में वि़द्यालय की छात्रा पूर्वांशी ध्यानी का विशेष योगदान रहा। पूर्वांशी और शिक्षिका संगीता ने मिलकर बच्चों को रोजगारपरक दीवार पेंटिंग करना सिखाने का प्रयत्न किया है। पूर्वांशी शिक्षिका संगीता ध्यानी की सुपत्री हैं। पूर्वांशी पेंटिंग, गायक, वादन, लेखन मेें बेजोड़ हुनर रखती हैं। पूर्वांशी की पुस्तक नन्हीं कलम से का प्रकाशन भी हो चुका है। मां-बेटी दूरदर्शन, आकाशवाणी आदि जगहों पर प्रस्तुतियां भी दे चुकी हैं।
खास बात यह है कि लाॅक-डाउन के आफत मेें किये गये इस अनूठे कार्य में विद्यालय के प्रधानाचार्य दर्शन कुमार ने पूरा सहयोग दिया। शिक्षिका संगीता ध्यानी ने प्रधानाचार्य दर्शन कुमार का आभार जताते हुये कहा कि हमेशा ऐसे में कार्यों में प्रधानाचार्य का सहयोग मिलता रहता है।