कोविड काल में | खाकी के हौंसलों को “आक्सीजन ” देता एक गीत, पढ़िये पूरी खबर

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आरक्षी ललिता रावत का लिखा यह गीत हो रहा है वायरल
सेंट मैरी स्कूल की संगीत शिक्षिका अरुणा ने किया है स्वरबद्ध
कोविड काल की व्यथा और खाकी के योगदान को बयां करता गीत

पुलिस महकमे ने की गीत की रचनाकार ललिता रावत की सराहना, कहा कि हमें ऐसे जवानों पर फक्र है
सिटी लाइव टुडे, मलखीतः-ए-रौथाण


मिशन हौंसला ही संजीवनी बन रही है। कैसी अजब सी घड़ी आ पड़ी है, जीवन की हर राह पर मुसीबत खड़ी है
। ये ही उस गीत के बोल जो इन दिनों सोसल मीडिया में जबरदस्त वारयल हो रहा है। कोविड-काल की करूणा की व्यथा की कथा का बड़ा ही मार्मिक यह गीत खाकी की शान के कशिंदे गढ़ रहा है। जरूरतमंदों की सेवा में जुटी खाकी के हौंसलों को यह गीत आक्सीजन दे रहा है। कोविड-काल में फरिश्ते की भूमिका निभा रही खाकी के योगदान का यह गीत खाकी ने ही शब्दबद्ध किया है। जी हां, इस गीत के रचनाकार हैं महिला हेल्पलाइन ज्वालापुर में तैनात आरक्षी ललिता रावत। गीत को स्वरबद्ध किया है सेंट मैरी स्कूल की संगीत शिक्षिका अरुणा ने।

मिशन हौंसला ही संजीवनी बन रही है। गीत की रचनाकार आरक्षी ललिता रावत

अब जरा आपको विस्तार से बताते हैं। असल में महिला हेल्पलाइन शाखा, ज्वालापुर जनपद, हरिद्वार में तैनात महिला आरक्षी ललिता रावत संगीत प्रेमी भी हैं। उनके पति दिनेश रावत शिक्षा विभाग में हैं और वे भी उच्च कोटि साहित्यकार हैं। उनकी कई किताबें प्रकाशित भी हो चुकी हैं। आरक्षी ललिता रावत इससे पहले भी कई बार जज्बातों को शब्दों में ढाल चुकी हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। जो देखा व महसूस किया उसे ही शब्दों की शक्ल दी और गीत बन गया।

इस गीत रचना की कहानी कुछ इस प्रकार बनी कि जब मिशन हौंसला गीत रचा गया तो इसके बाद आरक्षी ललिता रावत ने हरिद्वार स्थित सेंट मैरी स्कूल की संगीत शिक्षिका अरुणा से गीत के बारे में बताया। फिर क्या था संगीत शिक्षिका अरूणा ने अपनी मधुर आवाज से इस गीत को और भी निखार दिया। इसके बाद यह गीत सोसल मीडिया तक पहुंचा और जबरदस्त वायरल हो रहा है। गीत की रचनाकार ललिता रावत का यह गीत संगीत के नजरिये से भी एकदम जुदा है। गीत में शब्दों के जरिये भावों को उकेरने का जो प्रयास किया गया है वह सचमुच उनकी लेखन क्षमता को दर्शाता है। मुखडे से लेकर आंत्राओं में शब्द चयन और प्रयोग एकदम सटीक है जो इस बात को प्रमाणित करता है ललिता रावत के अंदर गीत की समझ कूट-कूट कर भरी है। इस इस गीत को हरिद्वार पुलिस के आफिसियल फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया है। पुलिस ने ललिता रावत की जमकर प्रशंसा करते हुये हुये फेसबुक पर पेज ही लिखा है कि हरिद्वार पुलिस अपने ऐसे जवानों पर गर्व महसूस करती है जो औरों के सम्मुख उदाहरण प्रस्तुत करते हैं साथ ही जनपद पुलिस द्वारा किए गए कार्यों को गीत के माध्यम से पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करने पर, पूरी टीम का आभार व्यक्त करती है। पुलिस की नौकरी, जीवन के झंझावात और उस पर ये गीत के बोल, मन को झंकृत करते हैं।

गीत की धार ऐसी हुयी और पैनी


पुलिसकर्मी और अब तो गीतकार भी कहा जा सकता है आरक्षी ललिता रावत का यह गीत वैसे तो उत्कृष्ट है लेकिन इस गीत की धार पैनी करने की उर्जा उस वक्त मिली जब एसएसपी हरिद्वार के पीआरओ विपिन चंद पाठक गीत को पढ़कर भावुक हो गये।

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इस संबंध में ललिता रावत ने बताया कि पीआरओ साहब पाठक जी ने गीत पढ़ा और सुना तो वे कुछ देर खो से गये। उन्होंने गीत की सराहना करते हुये कहा कि ये ही वो गीत है जो खाकी के मिशन हौंसलों को हौंसला देगा। और इसके बाद गीत आप सबके सामने हैं। ललिता रावत ने एसएसपी हरिद्वार के पीआरओ विपिन पाठक का दिल से शुक्रिया किया है।

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