The Bhatia Battery of Performance @ बच्चों की बुद्धि मापने का सटीक परीक्षण| Click कर पढ़िये पूरी News
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
मनोविज्ञान का ज्ञान अथाह है। यह मन का विज्ञान है और मन के विज्ञान की थाह लेना कठिन है। मौजूद मनोविज्ञान के तमाम पाठ्यक्रम में संपूर्ण जीवन निहित है। मनासिक रोगों का जिक्र भी हैं तो कारण व निवारण भी। जीवन का कोई ही हिस्सा और काल हो जो मनोविज्ञान से अछूता रह गया हो।

बुद्धि-विवेक का आंकलन कैसे किया जाये और सटीक-सटीक और तथ्यों के साथ प्रस्तुत कठिन भी है लेकिन मनोविज्ञान ही तो बुद्धि-विवेक का आंकलन-मूल्यांकन करता है और इसमें सुधार का रास्ता या फार्मूला भी बताता है। इस खबर मेें हम केवल एक ही थ्योरी यूं कहियेगा फाॅर्मूला का जिक्र कर रहे हैं तो जिससे बुद्धि-विवेक का आंकलन किया जाता है। ये है थ्योरी-फाॅर्मूला है भाटिया बैटरी ऑफ परफॉर्मेंस टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस टेस्ट। अगर आप मनोविज्ञान के छात्र हैं या फिर इसमें रूचि रखते हैं तो आपने इस टेस्ट के बारे में जरूर सुना होगा। आइये भाटिया बैटरी ऑफ परफॉर्मेंस टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस के बारे में ही बताते हैं।
The Bhatia Battery of Performance Tests of Intelligence is a psychological test that measures intelligence. It’s a popular test in India and is used in educational and clinical settings.
Purpose
- To measure intelligence
- To assess a learner’s ability to understand visual information
- To activate a learner’s logical, spatial, and abstract reasoning
- To identify intellectual strengths and weaknesses
- To inform intervention planning
- To monitor progress over time
Subtests Kohs’ Block Design (BD), Alexander’s Pass-along (PA), Pattern Drawing (PD), Picture Construction (PC), and Immediate Memory (IM).
Standardization
- The test was standardized on Indian boys in the 1950s for ages between 11 to 16 years
जानकार बताते हैं कि भाटिया बैटरी ऑफ परफॉर्मेंस टेस्ट ऑफ इंटेलिजेंस, बुद्धि मापने का एक परीक्षण है. इसे प्रोफेसर सी एम् भाटिया ने साल 1953 में बनाया था। कुछ लोग इस परीक्षण के विकसित होने का समय 1955 भी बताते हैं।
मनोवैज्ञानिकों की मानें तो यह परीक्षण बच्चों और कम शिक्षित या निरक्षर लोगों की बुद्धिमत्ता को मापने के लिए किया जाता है.
भाटिया बैटरी परीक्षण में ये उप-परीक्षण होते हैं। कोह का ब्लॉक डिजाइन टेस्ट, अलेक्जेंडर पास-अलॉन्ग टेस्ट, पैटर्न ड्राइंग टेस्ट, तत्काल स्मृति परीक्षण, चित्र निर्माण परीक्षण।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस परीक्षण में शामिल गतिविधियां में रंगीन ब्लॉकों का इस्तेमाल करके समान डिजाइन बनाना
लाल और नीले रंग के ब्लॉक को कार्ड के मुताबिक व्यवस्थित करना है। इसी प्रकार से तुरंत सुनाई गई अंकों या शब्दों को दोहराना शामिल है।
इसके अलावा मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि पांच अलग-अलग चित्रों के टुकड़ों को क्रम में रखकर चित्र बनाना
इस परीक्षण को व्यक्तिगत रूप से करने में एक घंटे से भी कम समय लगता है. इस परीक्षण में अधिकतम 95 अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।