Tehri Lok Sabha Seat| रानी का किला.. जोत का पंजा और बॉबी पंवार|ऐसे बन रहे सियासी समीकरण ?| Click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
राज्य की टेहरी लोकसभा सीट की तस्वीर फ़िलवक्त तक तीन कोण बनाती हुई नजर आ रही है। लगातार चौथी बार लोकसभा जाने के लिए राजपरिवार की रानी मैदान में है तो कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता जोत सिंह गुनसोला उन्हें चुनौती देने को पंजा अवश्य बढ़ा रहे हैं किंतु इस बीच बेरोजगारी के नारे के साथ बॉबी पंवार भी रानी को चुनौती देने चुनावी समर में कूद गए हैं। चकराता, पुरोला, यमुनोत्री, गंगोत्री व विकासनगर विधानसभा क्षेत्रों में यदि बॉबी अपेक्षित समर्थन हासिल कर लेते हैं तो निश्चित रूप से भाजपा व कांग्रेस के मतों पर सेंधमारी तय है। आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि बॉबी की सेंधमारी से जोत सिंह गुनसोला को ही अधिक नुकसान होगा, जो रानी के किले के एक बार फिर महफूज़ रहने का सबब बन सकता है।
■2012 से अजेय है रानी राज्यलक्ष्मी शाह■
टेहरी राजपरिवार की रानी राज्यलक्ष्मी वर्ष 2012 में विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त हुई लोकसभा सीट पर हुए बाई इलेक्शन में विजयी हो संसद पंहुची थी। इसके बाद वर्ष 2014 व 2019 के आम चुनाव में रानी लगातार भगवा ध्वज थामे हुए संसद भवन तक पंहुची। वर्ष 2019 के लोस चुनाव में रानी ने करीब 5 लाख 65 हज़ार मत हासिल कर कांग्रेस के प्रीतम सिंह को 3 लाख मतों से जबरदस्त शिकस्त दी। इन 3 लाख मतों के बड़े अंतर को बराबरी पर लाना ही प्रमुख विरोधी दल कांग्रेस के समक्ष बड़ी चुनौती है, वहीं कांग्रेस के गढ़ जौनसार व जौनपुर में इस मर्तबा बॉबी की हवा भी बहती हुई नजर आ रही है, जो कांग्रेस के लिए एक नई मुसीबत बन कर आई है।
■प्रीतम के रणछोड़ होने से रानी को मिली राहत■
कांग्रेस के कद्दावर नेता व जौनसार में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रीतम सिंह के चुनाव मैदान में जाने से इनकार के बाद कांग्रेस ने बयोवृद्ध एवम सुलझे हुए नेता पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला पर दांव खेला। निर्विवाद छवि के स्वामी गुनसोला हालांकि एक गंभीर प्रत्याशी हैं लेकिन वर्तमान सियासी कसौटी के पैरामीटर्स पर वह पूरी तरह फिट नहीं बैठते। हालांकि चर्चा यह भी है कि प्रारंभ में कांग्रेस बॉबी को बतौर पार्टी प्रत्याशी रानी को चुनौती देने मैदान में उतारने के विकल्प पर भी विचार कर रही थी। किन्तु अपुष्ट सूत्रों की माने तो जौनसार व जौनपुर में अपनी बादशाहत के लिए संभावित खतरे को भांपते हुए प्रीतम ने बॉबी के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद करवा दिए।
■पांच विधानसभाओं में बॉबी फैक्टर बिगाड़ सकता है गणित■
चकराता, पुरोला, गंगोत्री, यमुनोत्री व विकासनगर ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां बॉबी त्रिकोण बनाता हुआ दिखाई दे रहा है। इन सभी पांच सीटों पर वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा को कुल 1 लाख 36 हजार मत मिले थे वहीं कांग्रेस भी ज्यादा पीछे नहीं थी। कांग्रेस को भी इन सीटों पर कुल मिलाकर 1 लाख 32 हजार वोट हासिल हुए थे। यानी बॉबी दोनों दलों के वोट पर बराबर भी सेंधमारी करता है तो यह स्थिति कांग्रेस के लिए ज्यादा पीड़ादायक होगी, क्योंकि लोक सभा की 9 सीटों में से प्रतापनगर को छोड़ बाकी 8 पर भाजपा कांग्रेस के मुकाबले काफी आगे रही है। इतना ही नहीं बॉबी के सर्वाधिक प्रभाव वाली यमनोत्री सीट पर तो विगत विस् चुनाव में भाजपा मात्र 12 हजार मत हासिल कर तीसरे स्थान पर खिसक गई थी। ऐसे में बॉबी जिस वोट साइज़ को डैमेज करेगा, उसमें बीजेपी से बड़ा हिस्सा कांग्रेस का होगा। विस् चुनाव में चकराता में कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले 9 हजार वोट अधिक हासिल किए थे, यदि वहां भी बॉबी फैक्टर प्रभावी होता है तो जाहिर है कांग्रेस को बड़ा डेंट लग सकता है। इतना तय है कि 2022 के विस् चुनाव में इन 5 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस को मिले कुल 2 लाख 68 हजार मतों के 50 फीसद हिस्से पर भी बॉबी कब्ज़ा कर लेता है तो टेहरी की जंग त्रिकोणीय हो सकती है।
■बंट सकता है भाजपा से नाराज युवाओं का वोट■
टेहरी सूबे की एकमात्र ऐसी लोक सभा सीट है जहां अग्निवीर, बेरोजगारी व नौकरियों में धांधली को लेकर आक्रोशित युवाओं के लिए एक ऐसा चेहरा सियासी रण के मैदान में है, जिसमें वह अपनी छवि देख रहे हैं। ज़ाहिर है बॉबी की अपील का युवाओं पर असर अवश्य होगा। नतीजतन, युवाओं का मौजूदा सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करने हेतु जो संभावित वोट भाजपा के खिलाफ पड़ना था, वह अब निश्चित रूप से बॉबी और कांग्रेस के बीच बंटेगा, जिसका सीधा फायदा रानी राज्यलक्ष्मी शाह को होगा।
■देहरादून महानगर की 3 व मसूरी-सहसपुर रानी को दे सकता है एडवांटेज■
देहरादून कैंट, राजपुर रोड, रायपुर , सहसपुर व मसूरी में सिटिंग एमएलए भाजपा के हैं। मसूरी में कांग्रेस उम्मीदवार के लोकल होने के कारण भाजपा को अधिक संघर्ष अवश्य करना पड़ सकता है। किंतु सहसपुर, कैंट, राजपुर रोड व रायपुर में आंकड़ों के हिसाब से भाजपा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।