बगोट विचार @ किशना बगोट को आया गुस्सा| लिया ये कड़ा व बड़ा फैसला| Click कर पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
हास्य व्यंग्य के मशहूर गढ़वाली कलाकार व कवि किशना बगोट को गुस्सा आया है। यह गुस्सा अभी नहीं आया बल्कि करीब दो-तीन साल पहले आया लेकिन गुस्सा आज तक शांत नहीं हो हुआ है। बगोट का गुस्से में लिया यह निर्णय आज भी जारी है। आइये, सिटी लाइव टुडे मीडिया की इस खास खबर में जानते हैं कि आखिर किशना बगोट को क्यों गुस्सा आया और उन्होंने वो कौन से फैसला लिया जिस पर वे आज भी कायम हैं।
कलाकार हो या फिर कवि भावुक होता ही है। संवेदनाओं की डोर से घिरा और बंधा हुआ होता है। उसके दिल में दर्द भी होता है और समाज को नयी दिशा व दशा दिखाने की ताकत भी। अपनी लेखनी व कलकारी के जरिये वह यही करता है। अपने किशना बगोट भी ऐसे ही हैं।
पौड़ी जनपद के कल्जीखाल ब्लाक के बिदुल गांव निवासी किशना बगोट के जीवन से जुड़े कई ऐसे प्रसंग हैं जिनके बारे में जिक्र कम ही होता है। किशना बगोट का बचपन में एक सपेरे से अपहरण कर लिया था। उस वक्त इस मामले में मुकदमा तक दर्ज हो गया था। यह बात स्वयं किशना बगोट ने सिटी लाइव मीडिया हाउस से बातचीत करते हुये बतायी।
यह तो सभी जानते भी हैं और मानते भी कि किशना बगोट और हास्य करीब-करीब एक-दूसरे के पर्यायवाची हो चुके हैं। हास्य जितना सुंदर है उतना ही तीखा व्यंग्य भी।
बगोट की कविताओं में भरपूर हास्य मिलता है और व्यंग्य बाण के निशाने पर सामाजिक ताना-बाना रहता है। व्यंग्य के तीर सरकार व सरकारी सिस्टम पर चलाने में भी किशना बगोट कभी भी पीछे नहीं रहे हैं। पलायन और पलायन से उपजी स्थिति की पीड़ा बगोट को मन ही मन कचौटती रहती है।
किशना बगोट उत्तराखंड से बाहर कार्यक्रम करने जाते थे लेकिन अब उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया है।
यही वह कड़ा व बड़ा फैसला है जिसका जिक्र खबर में हो रहा है। किशना बगोट उत्तराखंड से बाहर कोई भी कार्यक्रम करने नहीं जाते हैं। इसके पीछे की वजह भी आपको बता देते हैं। वजह यह है कि बगोट जब उत्तराखंड से बाहर कार्यक्रम करने गये तो मन व्यथित हो गया।
बकौल बगोट, जिन्होंने अपने माता-पिता को घरों में छोड़कर रूला रखा है मैं उन्हें नहीं हंसा सकता है।
किशना बगोट बताते हैं कि आजकल लोग अपने मां-बाप को घरों में छोड़कर शहरों में रह रहे हैं जबकि बूढ़े मां-बाप घरों मंे दुखी हैं। इसलिये मैंने निर्णय लिया है जो अपनों को रूला रहे हैं मैं उन्हें नहीं हंसाउंगा।