Satpuli…नेता नगरी कहती रह गयी और ” देबू दा ” ने कर दिखाया| बंजर भूमि में लहलहा दी ” हरियाली “| कमल उनियाल की Report
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-कमल उनियाल
पहाड़ में उन्नत खेती करने व कराने की नेतानगरी की मीठी बातें धरातल पर ना जाने कब उतरेंगी लेकिन इस पहाड़ ने लाल ने इसे कर भी दिखाया है। नेतानगरी बातें करती रही गयी और इस सतपुली मल्ली के इस लाल देबू दा ने बंजर भूमि को हरियाली में तब्दील कर नेतानगरी बताकर दिया कि करने का इरादा हो तो ऐसे करते हैं। रोजगार के नाम पर पहाड़ से मुंह मोड़ रहे युवाओं के लिये भी प्रेरणा का स्रोत हैं। सिटी लाइव टुडे मीडिया हाउस की इस खास खबर में देबू दा की सपफलता की कहानी का जिक्र कर रहे हैं। हमारे संवाददाता कमल उनियाल इस खास रिपोर्ट को तैयार किया है।
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अपने उत्तराखंड के पौड़ी जनपद की नयारघाटी यानि सतपुली। बस-बस यहीं है सतपुली मल्ली। यहीं हैं देवेंद्र नेगी जिन्हें हर कोई देबू दा के नाम से ही जानता हैं। पहाड़ की पीड़ा के दिल से महसूस करते हैं और इस पीड़ा को दूर करने का मन भी बनाया। सोचा कि पहाड़ की बंजर भूमि में खेती की जाये। सोचा तो फिर इसे पर काम करना भी शुरू कर दिया। शुरू किया और लग गये पसीना बहाने में। पसीना बहता गया और बंजर भूमि की शक्ल ही बदलने लगी। बंजर भूमि में हरियाली लहलहाने लगी और देखते ही देखते हरियाली छा गयी और खुशहाली भी आने लगी। शांत स्वभाव के देबू दा हर किसी के दुख दर्द में साथ खडे होते हैं।
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समाज के तमाम कार्यों में देबू दा की अच्छी खासी सक्रियता बनी रहती है। खास बात यह है कि देबू दा ने बिना सरकारी सहयता से खुद के प्रयास से आस्ट्रेलियन ,ग्रीन वैली, वाईवनी जैसे उन्नत प्रजाति के पपीता का बगीचा तैयार किया है। इसके अलावा उनके यहाँ आम, लीची अंगूर, चबूतरा, माल्टा, आडू, अमरूद, नीबू के पेड उनकी बागबानी में लहलहा रहे हैं। वे बेमौसमी सब्जी कटहल, बीन्स, मैथी, बैंगन आलू गोभी का भी उत्पादन कर रहे है जो कि उनकी मेहनत और कर्मठता की कहानी गढ़ रही है।
संवाददाता कमल उनियाल को उन्होंने बताया कि उनका गाँव जल संकट से जूझ रहा है। पानी के अभाव उँचाई में बसे गाँव मे बागवानी तथा खेती करना बहुत कठिन है। इस कारण बारिश नहीं होने के कारण पौधों मे बाल्टी के पानी से सिंचाई करनी पड़ती है। पलायन रोकने और कृषि में सुधार लाने के लिए सरकार को प्रयत्न करना होगा, क्योकि आज भी कुछ समाज के सजग प्रहरी कृषि, शिक्षा,रोजगार के क्षेत्र में पहल कर रहे है पर कोई उनका सहयोग नही करता क्योंकि उनके छोटे छोटे प्रयास से ही क्षेत्र के विकास में अहम योगदान होता है।