मधुसूदन थपलियाल की यह गजल ढा गयी गजब| आवाज आयी Once Again | Click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस-हरिद्वार


दैनिक भास्कर मीडिया हाउस के खास कार्यक्रम शहीद का सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन यादगार बन गया। गंगा की गोद हरिद्वार में आयोजित इस कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद काव्य की धारा प्रवाहित हुयी। कविता, गीत व गजलों की ऐसी बारिश हुयी कि हर कोई इसी के रंग में रंग गया। गजलों के पारखी गजलकार मधुसूदन थपलियाल ने गजलों ने गजब ही ढा दिया। उनकी गजल कौ च जू हमथैं गौर समझीकि हकांणू चा,,,,,,का जादू सिर चढ़कर बोला। दर्शकों ने डूबकर इस गजल का सुना और मन नहीं भरा तो आवाज आयी कि वंस अगेन। पूरे लय व रंगत में दिखे गजलकार मधुसूदन थपलियाल ने भी निराश नहीं किया और फिर यही गजल सुनायी।

ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज के सभागार में आयोजित उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को नमन करते हुये कहा कि शहीदों का सम्मान, देश का सम्मान। इसके बाद शुरू हुयी काव्य की महफिल में कुमाउंनी कवि गिरीश सनवाल पहाड़ी ने कुमांड की संस्कृति को गंगा की गोद में उतार दिया तो हास्य कवि किशना बगोट ने हास्य की प्रस्तुति देकर हंसा कर लोटपोट कर दिया। गीतकार हेमू भट्ट ने भी गीतों से वाह-वाह बटोरी। संस्कृतिकर्मी नरेंद्र रौथाण ने आवाज सुनो पहाड़ों गीत गाकर कार्यक्रम को लोक रंग में रंग दिया।

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इसके बाद गजलकार मधुसूदन थपलियाल की गजलों का जादू चला। उन्होंने गजलों से सामाजिक ताने-बाने पर तंज भी कसा तो गजलों के जरिये ही जन के जागरण का प्रयास किया। उनकी गजल कौ च हमथैं गौर समझीकि हकांणू चा ने खूब वाह-वाह बटोरी। ऐसा लग रहा था कि मानों गजलकार हर किसी के दिल में उतरकर उनके मन की ही बात कर रहे हों। इस गजल को एक बार सुन किसी का मन नहीं भरा तो एक बार फिर की फरमाईश को मधुसूदन ने पूरा भी किया। संचालन मलखीत रौथाण ने किया।

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