ये कैसी घड़ी आयी है | अपने ही शिष्यों से गुरू का आमना-सामना| मनीता रावत की Report

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


गुरू और शिष्य का नाता पवित्र व मजबूत होता है। गुरू ही तो है जो शिष्य को भगवान का ज्ञान भी देता है। गुरू अपने शिष्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिये कड़ी मेहनत करता है। शिष्य जितना आगे पहुंचेगा गुरू का नाम व मान उतना ही बढ़ेगा। लेकिन यहां मामला कुछ और है। यहां गुरू और शिष्य ही आमने-सामने हो गये हैं। गुरू को अब अपने ही शिष्यों से प्रतियोगिता करनी पड़ रही है। जीतेगा कौन यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इतना तय है कि जो भी जीतेगा उसमें जीत गुरू की है।


जी, हां जिक्र हो रहा है दूरदर्शन देहरादून पर प्रसारित होने वाले आवाज सुनों पहाड़ों की कार्यक्रम के आडिशन की। दरअसल, इस कार्यक्रम के माध्यम से नये कलाकारों को मंच प्रदान किया जाता है। इसमें गायन व नृत्य विधाओं पर आडिशन लिया जाता है।


इस क्रम में हरिद्वार में भी आडिशन हुआ जिसमें होनहारों ने अपनी प्रतिभा का बेजोड़ प्रदर्शन किया। कोरियोग्राफर सृष्टि बडोला ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लेकर पहला राउंड पास कर लिया है।

सृष्टि बडोला Dance Teacher in Mount Litera Zee School, Bahadrabad हैं।

इस आडिशन में नृत्य में सृष्टि बडोला की शिष्य अरना व्यास व खुशी ने भी शिरकत की और इन दोनों ने भी पहला राउंड पास किया है। अरना कक्षा 2 व खुशी कक्षा 7 में अध्ययनरत हैं। दोनों ही सृष्टि बडोला की शिष्या हैं।


कार्यक्रम के नियमों के अनुसार अगले राउंड में पहले राउंड में विजती कलाकारों के बीच ही प्रतियोगिता होनी है। लिहाजा, साफ है कि गुरू सृष्टि का अपने ही शिष्यों से आमना-सामना होने जा रहा है।

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यहां गुरू की महिमा तो देखिये कि गुरू सृष्टि कहती हैं कि शिष्य जीते तो यही मेरी बड़ी जीत होगी। बहरहाल, देखिये कि गुरू व शिष्यों के बीच होने वाला यह आमना-सामना क्या गुल खिलायेगा। इसका इंतजार आपकी तरह हमें भी रहेगा।

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