द हंस फाउंडेशन की ” धै ” कि ” ना काटा त्यों डाली ना काटा”| जयमल चंद्रा की Report

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल

उत्तराखंड को जहां प्रकृति ने खूबसूरत नियति प्रदान की है। पेड़-पौधों व वन संपदा से पहाड़ियों को आच्छान्दित किया है, वहीं ये बेशकीमती वन संपदा धू-धूकर भी जलती है। जिससे पर्यावरण व जीवन पर दुष्प्रभाह पड़ना स्वाभाविक हैं।खासतौर पर गर्मियों में वनों में आग लगने की घटनायें ज्यादा होती रहती हैं। ऐसे में वनों में लगने वाली आग पर काबू पाने के जन-जागरूकता की भी नितांत आवश्यकता है। इस दिशा में सामाजिक सरोकारों को समर्पित द हंस फाउंडेशन सराहनीय कार्य कर रहा है। वनों को आग से बचाने के लिये फायर फाइटर्स एक्शन में हैं,तो जन-जागरूकता के लिये खास प्रयास किये जा रहे हैं।

द हंस फाउंडेशन की पहल पर द्वारीखाल ब्लॉक के बमोली गाँव मे 3 दिसम्बर 2023 को ‘प्रयास कला संगम सिसल्डी पौड़ी” के कलाकारों द्वारा नुककड़ नाटक व सांस्कृतिक कार्यकर्म द्वारा समस्त ग्रामवासियों व क्षेत्रीय जनता को दावानल बनाग्नि रोकने हेतु जनजागरूकता के लिए “धै”लगाकर जागरूक किया गया।


सुप्रसिद्ध कलाकार संदीप छिलवट,हर्षपति रयाल,अनूप मयूर, सुरेन्द्र कुमार, मालती गौड़, माया देवी, सुशील सनैवाल आदि की दमदार व शिक्षापर्द प्रस्तुतियों ने समस्त ग्रामीणों व क्षेत्रीय जनता का मन मोह लिया। द हंस फाउंडेशन के टीम लीडर मनोज जोशी ने अपने सम्बोधन मे बनों की उपयोगिता व बनाग्नि से होने वाले नुकसानों पर जानकारी दी।परियोजना समन्वयक सतीश बहुगुणा, सी.ओ.नरेंद्र धीमान,मोटीवेटर नीलम रावत ने भी बनों मे अग्नि को रोकने के लिए ग्रामवासियों को प्रोत्साहित किया।ग्रामीणों व क्षेत्रीय जनता ने एकमत से “सौं” खायी कि अपने बनों को आग से बचाएंगे व ऐसा करने वालों को रोकेंगे।

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जागरूकता कार्यकर्म मे उप प्रधान कपिल देव, सामाजिक कार्यकर्त्ता जयमल चंद्रा, रुद्री सिंह रावत,पंचायत सदस्यों के साथ लगभग 150 ग्रामीणों ने प्रतिभाग किया।

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