बड़ी गुणवान भी होती है शनि की साढ़े साती| जानिये कैसे व कब| प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली
सिटी लाइव टुडे, प्रस्तुति-आचार्य पंकज पैन्यूली
शनि की साढे़साती व ढैया् हमेशा अशुभ नही होती। कभी-कभी तो गोचर का शनि अचूक सम्पत्ति,यश व प्रसिद्धि प्रदाता भी बन जाता है। तो आइऐं जानते हैं,आपकेे लिए शनि की साढे़साती व ढैया् कैसे रहने वाली है।
शनि की साढे़साती व ढैया्। हमेशा अशुभ नही होती है। कुछ लोगों के लिए तो शनि इतना मेहरवान होता है,कि वे फर्श से अर्श तक पहुंच जाते हैं। सामान्य तौर पर शनि की साढे़साती व ढैया् को अशुभ माना जाता है। लेकिन यथार्थ में ऐसा नही है। शनि की साढे़साती व ढैया् के अन्तराल में शनि धन सम्पति व सुख समृद्धि भी देता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि जन्मकुण्ड़ली में शनि किस स्थिति में है। यदि शनि जन्म के समय त्रिकोणेश,लग्नेश अथवा (3,6,11)स्थानों का स्वामी होकर मित्र ग्रहों से दृष्ट होकर (5,9,3,6,11) में ही बैठा हो तो शनि धन सम्पत्ति बढ़ाने वाला होगा। यदि उक्त समय में दशा-अन्र्तदशा भी अच्छी चल रही हो तो अधिक शुभ फल मिलेगा। राशि चाहे कोई भी हो।
इसके विपरीत कुण्ड़ली में शनि (2.7.8.12) स्थानों का स्वामी होकर अशुभ ग्रहों से युक्त या दृष्ट हो तो अत्यन्त कष्टकारक साढे़साती होती है। मूल रूप से शनि की साढे़साती व ढैया् का शुभ-अशुभ प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है,कि आपकी कुण्ड़ली में शनि किस स्थिति में हैं।
अब बात आती है,कि यदि कुण्डली विवेचन के बाद यह सिद्ध होता है,कि शनि की साढे़साती व ढैया्। आपके लिए संघर्ष पूर्ण रहने वाली है,तो इससे भी घबराने की जरूरत नही है। ज्योतिषशास्त्र मंे ग्रहों के अशुभप्रभाव को दूर करने के लिए उपाय अथवा साधन निर्धारित किए हुए हैं। आवश्यकता इस बात की है,कि आपको पूर्ण श्रद्धा व विश्वाश के साथ तब तक उपाय करने चाहिए जब तक कि,शनि की साढे़साती व ढैया् आपकी राशि से उतर नही जाती।
1.घर के पूजा स्थान में अभिमंत्रित किया हुआ शनि यंत्र स्थापित करें।
2.ऊं प्रां प्रीं प्रौं शः शनये नमः। मंत्र का 28,51 या 108 बार जप करें।
3.नियमित रूप से सायंकाल में शनि स्तोत्र का पाठ करें।
4.यथा संभव गरीब एवं असहाय लोगों की मदद करें।
5.मांस-मदिरा का सेवन करना छोड़ दें। कम से कम शनिवार के दिन अवश्य परहेज करें।
6.हनुमान चालीसा का पाठ करें। उपरोक्त उपाय में कोई भी एक या अधिक से अधिक उपाय नियमित रूप से करने वालों को शनि कभी भी पीड़ित नही करते हैं।
ये शास्त्रों का मत हैं। इसके अलावा भी और बहुत सारे उपाय हैं। आप अपनी रूचि व मति के अनुसार कोई भी किसी भी उपाय का चयन कर सकते हैं। लेकिन उपाय जो भी करना हो वह नियमित तौर पर श्रद्धा व विश्वाश के साथ होना चाहिए। आपको लाभ अवश्य होगा क्योंकि शनि न्याय के देवता हैं। आपके साथ भी न्याय करेंगे। आज के लिए इतना ही मिलते हैं,नये वीडियो के साथ ।