सुलगते रहे सवाल ही सवाल| जवाब देगा कौन, आखिर कौन| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

Share this news

सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


त्रिस्तरीय पंचायत की सबसे निचली सरकार ग्राम पंचायत होती है। जिसका चुनाव आम ग्राम सभा का वोटर इस उम्मीद के साथ करता है कि पूरे गाँव का विकास उनके द्वारा निर्वाचित प्रधान व ग्राम पंचायत करेंगी। परन्तु जब यही जनप्रतिनिधि सीट मिलने के बाद निरंकुश हो जाते है तो उनको अपने सिर पर बिठाने वाली ये ग्रामवासी कहा जायें, यह कोई नहीं जानता। अगर कहीं कोई शिकायत कि जाती है तो एक ही जबाब मिलता है कि चुनाव आपने किया है किसी और ने नहीं। जीतने के बाद साहब जी अपनी मनमानी पर उतर जाये तो आम ग्रामवासी क्या करेगा। इसका जबाब कौन देगा इसका भी पता नहीं।


द्वारीखाल ब्लॉक के ग्राम बमोली की कहानी भी कुछ-कुछ ऐसी ही लगती है। यहां भी विकास की पहिया थम सा गया है। 2019 मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे नई ग्राम पंचायत का गठन विधिवत ही हुआ था। लेकिन जिस आशा व उम्मीद के साथ आम ग्रामवासी ने ग्राम पंचायत का गठन किया था उस पर आज तक ग्राम पंचायत खरी नहीं उतर रही है। इसका जिम्मेदार कौन है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। देखा जाये तो 2019 से पहले भी बमोली की कहानी ऐसी ही चलती आयी।

ad12


विकास की तमाम योजनायें थम सी गयी हैं। ज्वलंत उदाहरण मनरेगा को ही ले लीजियेगा। राज्य व केंद्र वित्त पोषित योजनायें भी फाइलों से बाहर नहीं निकल पायी हैं। विकलांग पेंशन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा और क्यों चलेगा। जवाब आखिर देगा कौन आखिर कौन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *