डंगला-तिमली @ दिव्यता और भव्यता और जय-जय श्रीराम| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल
पर्वतीय जिला पौड़ी गढ़वाल मे जगह-जगह रामलीला के मंचन से पहाड़ की वादिया राम – सीता के जयकारों से झंकृत हो रही हैं। लगभग लीलाओं का मंचन अपने अंतिम पड़ाव पर है। अपने द्वारीखाल ब्लाक के डंगला-तिमली में चल रही श्रीराम लीला मंचन संपन्न हो गया है। यहां दस दिनांे तक मंचन चलता रहा। इसके साथ ही प्रवासियों की रवानगी भी शुरू हो गयी है।
डंगला तिमली मे चल रही 10 दिवसीय राम लीला के दशवें दिन कुंभकरण-मेघनाथ बध,सती सुलोचना का विलाप पति के शीश के लिए राम दल मंे जाना, अहि रावण का राम -लक्ष्मण को पाताल लोक ले जाकर बलि की तैयारी करना, हनुमान का पाताल लोक जाकर अहिरावण का बध कर राम-लक्ष्मण को सुरक्षित वापस लाना, रावण का अंत, 14 वर्षों के बनवास के बाद अयोध्या पहुंच कर रामचंद्र जी का राजतिलक आदि लीला का सुन्दर व मार्मिक मंचन देखकर दर्शकों ने आनंद उठाया। सुन्दर अभिनय पर तालियों से कलाकारों का हौसला बुलंद किया।
राम -अरुण डबराल
लक्ष्मण -पुष्कर सिंह
सीता -सतेन्द्र नेगी
रावण -मुकेश कुकरेती
हनुमान -नरेश डबराल
मेघनाथ -नवीन कुकरेती
सुलोचना -नत्थी प्रसाद
सुग्रीब -आशीष
अंगद -अभिषेक
रामलीला के भव्य व मनमोहक मंचन के बाद प्रसाद वितरण किया गया। तथा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।