निमोनिया.. कारण, लक्षण व बचाव की उपयोगी जानकारी साझा| click कर पढ़िये पूरी खबर

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस


विश्व निमोनिया दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकांे ने निमोनिया के कारण, लक्षण व बचाव पर उपयोगी जानकारी साझा की। इस मौके पर जागरूकता पर भी फोकस किया गया। मां के दूध के महत्व व चिकित्सा सुरक्षा कवच के बारे भी जानकारी दी गयी।


हरिद्वार जिला चिकित्सालय हरिद्वार में 12 नवम्बर को विश्व निमोनिया दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ सी पी त्रिपाठी प्रमुख अधीक्षक ने की। संचालन दिनेश लखेड़ा ने किया। जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने भागेदारी जिसमे बच्चों और बड़ो और बुजुर्गों में अंतर की पहचान कारण, चिकित्सा करना ।


डॉ हितेन जंगपागी ,डॉ शशिकान्त वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा कि पूर्व में निमोनिया के कारण 24 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती थी जो जन जागरूकता के कारण 15 प्रतिशत पर आ गयी। पिछले वर्ष 3 करोड़ बच्चों को निमोनिया हुआ जिसमें से 1 करोड़ चालीस लाख बच्चे मौत के ग्रास बन गए निमोनिया से बचाव ही इसका इलाज है छोटों बच्चों को समय से वेक्सिनेशन, विटामिन ए, कुपोषण से बचाव, साफ सुथरी जगह, घर में कोयले से खाना नही बनाना, धुआं धूल से बचना। लक्षण खांसी बुखार, सांस का तेज चलना, 0 से2 माह की सांस 60 की गति से ऊपर। 02 से12 माह 50 से ऊपर 12 से ऊपर 40 सांस की गति ज्यादा हो तो निमोनिया के लक्षण हैं ।


वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संदीप टंडन ने कहा कि बच्चों और बड़ो एवं बुजुर्गाे का निमोनिया अंतर पहचान,कारण अलग अलग है उसमें टी वी के सिम्टम्स भी देखना पड़ता है उस समय बीड़ी सिगरेट का सेवन नही करना चाहिए। प्रमुख अधीक्षक डॉ सी पी त्रिपाठी एवं वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ चंदन मिश्रा ने बताया कि सरल तरीके से बताया जाय तो बच्चो को सबसे पहले माँ का दूध पिलाना अति आवश्यक है जिससे बच्चों में इमन्यूटी बढ़ती है और रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है घर को साफ सुथरा रखें घर में सीलन न हो कुछ भी करने से पहले हाथ साबुन से धो लें

डॉ त्रिपाठी ने कहा कि सभी इंटर्नशिप में आने वाले बच्चांे को सांस की गति के बारे में, बी पी लेने के बारे में अवश्य वरिष्ठ अधिकारी और नर्सिंग संवर्ग शिखाएं। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने निमोनिया दिवस पर गोष्ठी में सभी मे जागरूकता की भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होने चाहिये।

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गोष्ठी में सर्व श्री डॉ संदीप टंडन, डॉ रामप्रकाश, डॉ रविन्द्र चौहान,डॉ संजय त्यागी, डॉ चंदन मिश्रा, डॉ सुब्रत अरोड़ा, डॉ एस के सोनी, डॉ शशिकान्त, डॉ हितेन जंगपांगी, डॉ रहमान,डॉ अनस, डॉ शिखा, डॉ शिवम, मेट्रन सीता शर्मा, हिमानी खन्ना,मनोरमा,आरती ,पी सी रतूड़ी, डी पी बहुगुणा, महावीर चौहान, दिनेश लखेड़ा, विनोद तिवारी, धीरेंद्र सिंह, सुखपाल सिंह सैनी ,अमित, कीर्ति शर्मा, नेहा, मिथलेश, दीपाली, फूलमती, मंजू शर्मा, कु गीता,राजेश पंत, अजीत रतूड़ी, राहुल यादव, आदर्शमणि, के एम जोशफ,लालखान, ओम शिव भेदी, रविन्द्र, सुरेश पाल, सन्नी, करण, राजन बडोनी, नर्सिंग इंटर्न्स और बी ए एम एस इंटर्न्स भी शामिल हुए।

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