pauri|जागरूकता बनायेगी मानसिक रूप से मजबूत | जगमोहन डांगी की रिपोर्ट
सिटी लाइव टुडे, जगमोहन डांगी, पौड़ी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्वधान में आयोजित जन-जागरूता गोष्ठी में मानसिक रूप से अस्वस्थ्य व परेशान लोगों के उपचार व पुनर्वास पर मंथन हुआ। आह्वान किया गया कि ऐसे लोगों के अंदर सकारात्मक सोच विकसित करने के लिये आमजन को आगे आयें।
मंगलवार को मानसिक दिव्यांग लोगों के प्रति आम जनमानस की सोच सकारात्मक करने को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घंडियाल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के उपचार व पुनर्वास के लिए चर्चा की गई। तो वहीं लोगों को सोच बदलने और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों के प्रति सकारात्मक भाव अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घड़ियाल डॉ आशीष गुसाई उपस्थित भारी संख्या में आशा कार्यकृतियो को मानसिक रूप से बीमार लोगो की किस प्रकार स्वास्थ्य का लाभ दिया जाए और खासकर बुजुर्ग जनों को जो मानसिक तनाव से ग्रस्त है। अकेला जीवन यापन कर रहे हैं। हम उनको किस प्रकार उनका स्वास्थ्य विकसित सके। इस दौरान महंत इंद्रेश अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार ने भी आशाओं को स्वास्थ्य सेवाओं की प्राथमिक रीड बताया उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मानसिक स्वास्थ्य संघ ने विश्व के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल को यथार्थवादी बनाने को लेकर वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की थी।
समाज में मानसिक रोगियों की संख्या भी बढ़ी रही है। उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए समय समय जन-जागरूकता स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन होते हैं। आज की मानसिक रूप ग्रस्त रोगियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी संग गोष्ठी का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पीएलवी जगमोहन डांगी ने किया। उन्होंने विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दिव्यांग जनों के लिए दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में उपस्थित आशाओं वर्करों को जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों 60 आशा कार्यकत्रियों सहित 100 लोगो ने प्रतिभाग किया जिसमें दीपक बिष्ट, शरद रौतेला, ईशान चंद्र नैथानी, अमित नेगी, प्रदीप सिंह आदि की भी मौजूदगी रही।