HOPE|यहां बंजर जमीन पर खिल रही आस-विकास की ” पौध “| कमल उनियाल| जयमल चंद्रा

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सिटी लाइव टुडे, कमल उनियाल। जयमल चंद्रा


यह बात ठीक है कि पहाड़ की जमीन बंजर होती जा रही है। पलयान की मार के चलते पहाड़ खाली होते जा रहे हैं और खेती योग्य भूमि भी बंजर होती जा रही है लेकिन यहां एक आस जगी है। कम ही सही लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो बंजर भूमि पर आस-विकास की पौध खिला रहे हैं। ये बिरले पलायन कर रहे लोगों को बहुत बड़ा संदेश भी दे रहे हैं। खास बात यह है कि इनके सामने जंगली जानवरों समेत अन्य समस्यायें हैं जिनसे ये खुद ही दो-दो हाथ कर रहे हैं।

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बात जनपद पौड़ी के द्वारीखाल ब्लाक की ही करते हैं। यहां कृषि विभाग के पूर्व कृषि अधिकारी योगेश रुहाली बीटीएम संजय कुकरेती के दिशा निर्देशन मे बंजर हो चुकी खेत मे फसलो की महक आने लगी है। जिसको क्षेत्र के मेहनती किसान गहली के शशिभूषण कुकरेती, गूम के कुलदीप सिंह बिष्ट, रुप सिह रावत, ग्वीन छोटा के मनोज नेगी, ग्वीन बडा के शिवनारायण रावत, च्वारा के महावीर सिह,बरसूडी के भीम दत्त,सिमालू के सत्य प्रसाद आदि जैविक खेती करके कृषि के प्रति अलख जगाये हुये है तथा क्षेत्रवासियो के लिए प्रेरणा के सोत्र बने हुये हैं। इसी ब्लॉक के गांव बमोली में आज भी कई किसान दिन -रात मेहनत करके खेती कर रहे हैं जो आस-पास के क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। दिन में जहाँ अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए बंदर,लंगूर व पक्षीयो से लड़ रहे हैं वही रात्रि को जागकर खेतों में वॉड( मचान) बनाकर अपनी खेतांे की रक्षा जंगली सूअर आदि जानवरों से कर रहे है। कृषक हर्षमोहन,रुद्री सिंह,महावीर सिंह,वीर सिंह आदि आज भी भरपूर खेती करते हैं।
जरूत इस बात सख्त जरूरत है कि इन मेहनतकश किसानों पर सरकार की नजर-ए-इनायत भी हो, लेकिन अफसोस कि ऐसा नहीं हो रहा है। समस्यायें बहुत हैं जिन्हें दूर करने की नितांत आवश्यकता है। ताकि इन खूबसूरत पहाड़ो का अस्तित्व कायम रहे। और देवभूमि उत्तराखंड अपनी सुंदरता को कायम रख सके।

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