हे ! मिठ्ठा छुयालों| पर्यटन विकास भी होता और रोजगार मिलता| अगर| जयमल चंद्रा की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउसजयमल चंद्रा


चुनाव समाप्त हो चुका है। मिठ्ठा छुयालों की फौज गौं-गुठ्यार से गायब हो चुकी है और गौं-गुठ्यार अपने पुराने ढर्रे पर लौट चुके हैं। लेकिन एक सवाल आज भी सता रहा है और चुनाव के बाद भी यह सवाल सुलग रहा है कि आखिर यह सड़क बनेगी। यदि सड़क बन गयी तो यमकेश्वर पर्यटन के मानचित्र पर अलग ही पहचान बनायेगा। लेकिन सड़क बनेगी कब। शायद जवाब किसी के पास नहीं है।


आइये, अब काॅसेप्ट को क्लीयर कर देते हैं। दरअसल, यह सड़क है धारकोट जुुलेडी मोटर मार्ग। यह मार्ग नीलकंठ क्षेत्र को तालघाटी से लेकर डांडामंण्डल रवासण होते हुए कण्व घाटी से सीघे कोटद्वार को जोड़ेगी वह सड़क पिछले 12 सालों से त्रिशंकू की तरह अधर में लटकी है। अब जरा इतिहास के आइने में देखते हैं।


सन् 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खण्डूरी ने उक्त सडक जिसकी कुल लम्बाई 34 किलांमीटर है की स्वीकृति प्रदान की थी, और सड़क के लिए टेण्डर प्रक्रिया कर लोकनिर्माण विभाग ने दोनों छोरों से 10 किलोमीटर काटकर दोनों ओर से नदी के किनारे छोड़ दी। उसके बाद बीच का हिस्सा 14 किलोमीटर अभी तक नहीं बन पाया है। डांडामण्डल से धारकोट मरोड़ा दिवोगी होते हुए उक्त सड़क साईकिलवाड़ी गॉव तक बन चुकी है, वहीं दूसरी छोर से जुलेडी से ढौसंण होते हुए त्याडो गाढ तक उक्त सड़क 10 किलोमीटर कट चुकी है, लेकिन बीच के हिस्सा अभी भी अधूरा है। उक्त सडक पर त्याडो और साईकिलवाड़ी गॉव के पास दो जगह पर पुल लोक निर्माण् विभाग के तहत पूर्व में ही स्वीकृत हैं। पिछले 12 सालों से उक्त सडक का निर्माण अभी तक नही हो पाना विभागीय लचर प्रणाली और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ही एक मुख्य कारण है कि उक्त सड़क का प्रकरण इंच भर भी आगे नहीं बढ़ पाया है।

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उक्त सड़क निर्माण से यमकेश्वर क्षेत्र के पर्यटन के साथ रोजगार के द्वार भी खुल सकते हैं, क्येंकि जिस तरह से तालघाटी झील का सर्वे कार्य अतिंम चरणों में हैं। जानकार बताते हैं कि सर्वेयरों द्वारा दी जाने वाली अनुमानित जानकारी के अनुसार उक्त स्थल पर झील बनने की पूर्ण संभावना नजर आ रही है, हालांकि अभी झील निर्माण के प्रारम्भिक चरणों के सर्वे के लिए स्थलीय मिट्टी पानी और पत्थर जॉच के लिए लैब में भेजे जा चुके हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम का इंतजार क्षेत्रवासियों को है। वहीं इस सड़क के पूर्ण होने से नौगॉव बुकण्डी विन्ध्यवासनी और धारकोट जुलेड़ी मोटर मार्ग क बनने से तालघाटी की बरसात में सडक की समस्या का स्थायी समाधान एवं नीलकंठ क्षेत्र डांडामण्डल क्षेत्र से सीघा जुड जाता वहीं अमोला से सीधे रवासन नदी होते हुए जौरासी चूना महेड़ा, किमसेरा और मालनघाटी कण्व आश्रम क्षेत्र सीधे पर्यटन लाईन से जुड जायेगा। यमकेश्वर क्षेत्र के इस सड़क निर्माण के लिए क्षेत्रीय जनता लामबंद है।

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