गंदी बात| पुल के नीचे जल-स्रोत को कौन कर रहा गंदा| जयमल चंद्रा, द्वारीखाल

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सिटी लाइव टुडे, जयमल चंद्रा, द्वारीखाल


पहाड़ों की नैसर्गिक सुंदरता व स्वच्छता को भी ग्रहण लगने लगा है। नैसर्गिक सुंदरता व स्वच्छता के साथ ही प्राकृतिक जल-स्रोतों पर भी किसी की नजर लगने लगी हैं। एक ऐसा ही मामला द्वारीखाल क्षेत्र में सामने आया है। गंदी बात यह है कि यहां पुल के नीचे जल-स्रोत को गंदा किया जा रहा है। यहां से गांवों को पेयजल की आपूर्ति भी होती है। ऐसे में ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ भी हो रहा है। इससे ग्रामीण गुस्से में हैं।

अब जरा मांजरे को विस्तार से समझते हैं। दरअसल, चैलूसैंण–देवीखेत मोटर मार्ग पर बमोली-दशमेरी की सीमा को अलग करने वाले जल स्रोत पर वाहनों की आवाजाही के लिए पुल का निर्माण हुआ है। इसी जल स्रोत से दशमेरी व बमोली के लिए पेयजल की लाइने जाती है। जिससे दोनों गांवो की पेयजल आपूर्ति होती है।लेकिन दुर्भाग्य से स्रोत के मुहाने पर जैविक-अजैविक कूड़े का ढेर लग रहा है। कूड़े का यहां लगातार दिन-प्रतिदिन ढेर बढ़ता जा रहा है। जिससे दोनों गांवो के निवासियों को पेयजल लाइन के माध्यम से दूषित जल का उपयोग करने को मजबूर होना पड़ रहा है।


सवाल यह है कि आखिर ये कूड़ा कौन डाल रहा है। इससे अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कूड़ा अस्पताल व चिकन-मटन की दुकानों का हो सकता है। हालांकि, प्रमाणिक तौर पर कोई कुछ कहने को राजी नहीं है। ।

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दशमेरी के भूतपूर्व प्रधान अर्जुन सिंह रावत,बर्तमान प्रधान सुजाता देवी, बमोली के भूतपूर्व प्रधान कोमल चंद्र, उप प्रधान कपिल देव सहित दोनों गांव के निवासियों ने इस पर स्थानीय व क्षेत्रीय प्रशासन से अपील की है कि तत्काल संज्ञान लेते हुए उचित कदम उठाये जायें।

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