हरक-सरिता के आउट-इन से भाजपा के पॉवर एपीसेन्टर के गढ़वाल से छिटकने की आहट|साभार-राजनीतिक विश्लेषक-अजय रावत
सिटी लाइव टुडे, साभार-राजनीतिक विश्लेषक अजय रावत
यूँ तो टीएसआर-2 एपिसोड के बंद होते ही भाजपा का शक्ति केंद्र गढ़वाल से किसी हद तक छिटक गया था, लेकिन हरक की बर्खास्तगी और सरिता के आगमन से भाजपा में पॉवर एपीसेन्टर तकरीबन पूरी तरह गढ़वाल से दूर हो गया है। बेशक हरक भाजपा के लिए बहुत असहज रहे होंगे लेकिन गढ़वाल संभाग में वह भाजपा के अंदर एक फायर ब्रांड नेता थे। वहीं प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सरिता आर्य की भी भाजपा में एंट्री से भाजपा का पावर एपीसेन्टर कुमाऊं के और निकट आया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भले ही आधिकारिक रूप से गढ़वाल संभाग से हों लेकिन हरिद्वार के प्रति मैदानी धारणा ही आम जनमानस में है। अब देखना है कि भाजपा के जो बड़े क्षत्रप गढ़वाल में हैं वो पार्टी को इस रीजन में कितनी सफलता दिला सकते हैं, हालांकि कटु सत्य यह है कि इन सबके मध्य परस्पर कोई मधुर संबंध भी नहीं हैं। 20 साल के इस सूबे में अधिकांश समय गढ़वाल ही शक्ति केंद्र रहा है, भाजपा में तो लगभग हमेशा, ऐसे में अब यह देखना रोचक होता है कि पार्टी 2022 में गढ़वाल में कितनी सफलता हासिल कर पाती है।