HARAK EPISODE| सौ बार माफी मांग सकता हूं| हरीश बडे़ भाई| पढ़िये पूरी खबर
सिटी लाइव टुडे, मीडिया हाउस
ठीक ही कहते हैं कि सियासत में कब कौन किसका दुश्मन हो जाये और कब दुश्मन दोस्त बन जाये। कहा नहीं जा सकता है। वक्त-वक्त पर सियासत का यह रंग भी खूब देखने को मिला है। इस वक्त हाॅट हुयी उत्तराखंड की सियासत मंे यह कहावत चरितार्थ हो रही है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से निष्कासित किए गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। हरक सिंह रावत के साथ उनकी बहू अनुकृति भी कांग्रेस जॉइन करेंगी। रावत अपनी बहू के साथ आज दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस का हाथ थामेंगे। वहीं हरक सिंह रावत ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि मैंने आज सुबह कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात की है। वह मुझे जल्द ही अपना निर्णय बताएंगे और मैं उसी के आधार पर अपने फैसले लूंगा। उन्होंने कहा कि वह हरीश रावत मेरे बड़े भाई हैं। मैं उनसे सौ बार माफी मांग सकता है। मैं उत्तराखंड का विकास चाहता हूं।
मैं कहीं भी किसी के पीछे जाने वाला नहीं हूं- केदार सिंह
यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत भाजपा छोड़ने के कयासों पर विराम लगाया है। हरक सिंह रावत प्रकरण के बाद से केदार सिंह रावत के पार्टी छोड़ने के सोशल मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे। केदार सिंह रावत ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर कहा कि मैं कहीं भी किसी के पीछे जाने वाला नहीं हूं। हरक सिंह प्रकरण की आंच युमनोत्री विधान सभा क्षेत्र तक पहुंची है। हरक सिंह के भाजपा से निष्कासन के बाद यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत के भी पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे थे।
जिस पर केदार सिंह रावत ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। वीडियो में केदार सिंह रावत कह रहे हैं कि मुझे भाजपा के नेतृत्व पर पूरा विश्वास है। जब भी प्रदेश में उम्मीदवारों की सूची जारी होगी तो उसमें मेरा भी नाम होगा। सोशल मीडिया पर अनर्गल चर्चाएं चल रही हैं। मैं कहीं भी किसी के पीछे जाने वाला नहीं हूं। और न जाने का कोई कारण है।
टिकटों की घोषणा हरक एपीसोड के पूरा होने के बाद
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में अब टिकटों की घोषणा हरक एपीसोड के पूरा होने के बाद ही होगी। वहीं पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने फंसी हुई सीटों पर एक बार फिर मंथन बैठक कर पैनल तैयार कर लिए हैं, जिन्हें मंगलवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) को सौंपा जाएगा।