सेहत की हिफाजत को लेकर “करार “| जानिये क्या है मामला| नेहा सक्सैना की रिपोर्ट

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आईएएमबीएसएस व महर्षि महाकंडेश्वर यूनिवर्सिटी(एमएमयू ) के तत्वावधान में दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें वैश्विक संस्था इंटीग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट और भारत की पहली फिजियोथेरेपी छात्र संघ स्टूडेंट एसोसिएशन ऑफ फिजिकल थेरेपी (एसएपीटी इंडिया)के मध्य स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में  सुधार,विकास व शोध विषय को बढ़ावा देने को लेकर करार हुआ। बताया गया कि आईएएमबीएसएस का उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंटीग्रेशन को स्थापित करने के लिए सततरूप से कार्य करना है।

आयोजित वेबिनार में आईएएमबीएसएस के अध्यक्ष डा. उज्जवल ने कहा कि हम युवा शक्ति  को साथ लेकर मल्टीडिस्पलेनरी एप्रोच  के साथ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ेंगे। इस मौके पर एसएपीटी इंडिया के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिरुद्ध उनियाल ने कहा कि यह अनेक दृष्टि से ऐतिहासिक आयोजन है, एसएपीटी इंडिया हमेशा से विज्ञान व अनुसंधान के क्षेत्र में विकास के प्रति समर्पित रही है और आने वाले समय में दोनों संगठन राष्ट्रहित और विश्व कल्याण के लिए कार्यरत रहेंगे।


आईएएमबीएसएस के संयुक्त सचिव डा. अशविंदर ने वेबिनार में शामिल हुए सभी विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया व उम्मीद जताई कि सभी वक्ताओं के विचारों व सामुहिक संकल्प से हम अपने लक्ष्य को साधने में सफल होंगे। आईएएमबीएसएस के संस्थापक एवं महासचिव डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने बताया कि संस्था ने उत्तराखंड में सामाजिक गतिविधियों में भी अपना योगदान सुनिश्चित किया है और इस दिशा में लगातार कार्य हो रहा है। साथ ही आयुर्वेद, योग और एलोपैथी को एकीकृत करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने को लेकर भी संस्था सततरूप से प्रयासरत है।

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कार्यक्रम के संयोजक बायोटेक,एमएमयूजी के प्रमुख डा. अनिल शर्मा ने वेबिनार में शामिल होने वाले सभी नए शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। एम्स ऋषिकेश की प्रोफेसर नीलम ने आईएएमबीएसएस और एसएपीटी इंडिया के कार्यों की सराहना की व एसएपीटी इंडिया को डायनामिक आर्गेनिसेसन बताया। वेबिनार में  शामिल हुए लगभग 150 प्रतिभागियों को अनुसंधान के विषय सेंपलिंग की विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियों का प्रशिक्षण दिया गया।

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