खस्ताहाल रास्ते पर चलने को मजबूर हैं मजदूर | मुकेश कुमार सूर्या की रिपोर्ट

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सिटी लाइव टुडे, श्यामपुर, मुकेश कुमार सूर्या


स्वच्छ भारत अभियान व आदर्श ग्राम योजना और समग्र ग्रामीण विकास योजना सरीखी कई योजनाओं को बहादराबाद ब्लाक का एक गांव आईना दिखा रहा है। दलित बस्ती के ये लोग आज भी एक अदद सड़क के मोेहताज हैं। हरिद्वार शहर से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर गंगा किनारे बसा हुआ है। महज 200 से 300 मीटर की अदनी सी सड़क के लिए सालों से ग्राम पंचायत, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की ओर टकटकी लगाए आस भरी निगाहों से दलित बस्ती की छोटी सी मुख्य सड़क को बनाने के लिए देख रहा है। हम बात कर रहे हैं लालढांग क्षेत्र स्थित श्यामपुर गांव की। जहां स्थिति यह है कि श्यामपुर गांव की दलित बस्ती में गांव के भीतर प्रवेश करने वाला मुख्य मार्ग संत रविदास मंदिर से लेकर एम.के.आर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तक वर्षों से क्षतिग्रस्त और खस्ताहाल है।

जहां पर चैबीसों घंटे नालियों का गंदा पानी और कीचड़ भरा रहता है। हल्की सी बरसात भी अगर हो जाती है तो यहां पर जलभराव के कारण स्थिति और भी विकट हो जाती है। जिस कारण राहगीरों को इस एकमात्र रास्ते से गांव के भीतर प्रवेश करने के लिए अपनी पतलून ऊपर कर, चप्पल या जूते हाथ में लेकर यहां भरे गंदे पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। कई बार पैर फिसलने के कारण महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे यह गिरकर चोटिल भी हो जाते हैं। इस कारण ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

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ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने सड़क के छोटे से टुकड़े को बनवाने के लिए प्रयास नहीं किए, ग्रामीणों ने इस रास्ते के निर्माण के लिए कई बार ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी इस बाबत शिकायत करते हुए इस सड़क को बनाने की गुहार लगाई है, परंतु सभी की ओर से महज आश्वासन तो मिला परंतु आज तक भी कोई इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया और श्यामपुर गांव के लोग और बाहर से आने वाले रिश्तेदार और परिचित आज भी इस गंदगी भरी सड़क पर चलते हुए सरकारी व्यवस्था को कोसते हुए निकलते हैं! बस्ती के निवासी जलभराव और कीचड़ की दुर्गंध के कारण बीमारियों के संक्रमण की आशंका के बीच अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं!

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