Uttarakhand News..संस्कृत शिक्षा विभाग को कुशल प्रशासक निदेशक मिलने से ऊर्जा का संचार |Click कर पढ़िये पूरी खबर
देहरादून । संस्कृत शिक्षा विभाग को माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ आनंद भारद्वाज के रूप में निदेशक मिलने से नई ऊर्जा का संचार हो गया है।
शुक्रवार को हरिद्वार में संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित पूरे प्रदेश के प्रधानाचार्यों एवं मंडल और जनपद के अधिकारियों की संयुक्त बैठक एवं एक दिवसीय प्रशिक्षण में यह नजारा देखने को मिला।
प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ कर संबोधित करते हुए डॉ आनंद भारद्वाज ने कहा, कि संस्कृत की प्रतिष्ठा देव वाणी के रूप में वैदिक काल से ही भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में प्रसिद्ध है ,और उत्तराखंड सरकार ने तो वर्ष 2010 में इस देव वाणी को राज्य की द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया है, इसलिए हम सबको मिलजुल कर राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप संस्कृत के समुचित प्रचार और प्रसार के लिए पूरी ऊर्जा के साथ कार्य करना है।
निदेशक ने कहा कि शासन की किसी भी मंशा को धरातल पर उतारने के लिए सहायक निदेशक सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है, इसलिए उनको लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्राथमिक स्तर से ही संस्कृत की कक्षाओं को शुरू करने के लिए प्रधानाचार्यों का एवं शिक्षकों का मार्गदर्शन करना होगा, और इसके लिए शासन द्वारा सहायक निदेशकों के कार्यालय उनके लिए वाहन तथा अन्य सुविधाओं को जुटाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
सेवा स्थानांतरण पर आए अन्य सहायक निदेशकों के साथ निर्देशक का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत करते हुए वरिष्ठ सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2022 में इस पद पर आने के बाद अकेले देहरादून जनपद में पांच विद्यालयों को विधिवत मान्यता दी है जिसमें दो विद्यालय वर्ष 2002 से मान्यता के लिए प्रयासरत थे, और वह आगे भी सभी प्रधानाचार्यों ट्रस्टों एवं संस्थाओं के साथ मिलकर इसके लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं ,देहरादून और हरिद्वार जनपद में संस्कृत के विद्यार्थियों की अधिक संख्या होने पर करतल ध्वनि से दो वरिष्ठ सहायक निदेशकों डॉक्टर घिल्डियाल एवं डॉ बाजश्रवा आर्य का स्वागत किया गया।
प्रशिक्षण में पहुंचने पर निर्देशक डॉ भारद्वाज ने संस्कृत भारती के प्रदेश संगठन मंत्री गौरव शास्त्री एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश शास्त्री का अंग वस्त्र देकर धन्यवाद अदा किया, प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन शोध अधिकारी हरीश गुरु रानी ने किया।
मध्यान भोजन के बाद प्रशिक्षण सत्रों को प्रभारी उपनिदेशक पद्माकर मिश्र सहित अन्य अधिकारियों ने संबोधित किया, प्रशिक्षण में विशेष रूप से सहायक निदेशक पूर्णानंद भट्ट, गिरीश मनादुली मनोज सेमेल्टी , प्रेम प्रकाश,प्रधानाचार्य डॉ जनार्दन , ओम प्रकाश पूरवाल, कृष्ण कुमार उनियाल, दीपशिखा, कविता मैठाणी, कुलदीप पन्त, डॉ नवीन जोशी सहित सभी प्रधानाचार्य मौजूद रहे।